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    सुप्रीम कोर्ट ने आज व्हाट्सएप और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने यूजर्स की सुरक्षा और निजता के संरक्षण को लेकर व्हाट्सएप को फटकार लगाई है। हाल ही में व्हाट्सएप ने अपनी गोपनीयता की नीतियों को अपडेट किया था जिसमें यूजर्स से उनके निजी डेटा की एक्सेस मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर व्हाट्सएप को फटकार लगाते हुए कहा है कि भारत में डेटा सुरक्षा कानून बनने वाला है और उसको लागू हुई बिना व्हाट्सएप अपनी नई नीतियों को भारत में लागू नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप को भारत और यूरोपीय देशों में अलग अलग गोपनीयता नीतियां रखने रखने के लिए भी फटकार लगाई।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप 2-3 ट्रिलियन की कंपनी हो सकते हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आप लोगों की निजता के साथ खिलवाड़ करें। आपके पैसे से ज्यादा जरूरी लोगों की निजता और उनका डेटा है। व्हाट्सएप ने भारत के यूजर्स के फोन में कुछ समय पहले एक नोटिफिकेशन दिया था और उसके लिए एक निश्चित समय यूजर्स को दिया गया था ताकि उसके अंदर वे उस प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट कर सकें। लेकिन इसका विरोध बढ़ने के चलते व्हाट्सएप ने इसे 31 मई तक के लिए टाल दिया है।

    सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप को जारी किए गए नोटिस में सफाई मांगी है। कोर्ट ने व्हाट्सएप से कहा है कि वह इस बात पर सफाई दे कि किस तरह का डाटा शेयर किया जा रहा है और किस तरह का डाटा शेयर नहीं किया जा रहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होने तय हुई है। हालांकि व्हाट्सएप अभी नई नीतियों को लेकर यूजर्स को सुरक्षा का आश्वासन दे रहा है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद व्हाट्सएप के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। व्हाट्सएप का कहना है कि वह इसे यूजर का शॉपिंग एक्सपीरियंस बेहतर करने के लिए प्रयोग करेगा। पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लोगों की निजी जानकारियों का किसी भी तरह से व्यवसायिक प्रयोग नहीं किया जा सकता। व्हाट्सएप की यूरोपीय देशों व भारत के लिए गोपनीयता नीतियों में अंतर देखा जा रहा है।

    व्हाट्सएप ने इस से पहले जो नोटिफिकेशन अपने यूजर को भेजा था, उसमें नई प्राइवेसी नीति को एक्सेप्ट ना करने पर यूजर का अकाउंट डिलीट करने की बात की गई थी। लेकिन बाद में व्हाट्सएप इससे पलट गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि व्हाट्सएप की नई नीतियों से निजता का हनन होगा और लोगों को आशंका है कि वे अपनी निजता खो देंगे। लोगों की निजता व डेटा की रक्षा करना कंपनी और सरकार की जिम्मेदारी है।

    जब भारत में व्हाट्सएप आया था तो इसने लोगों को अपनी प्राइवेसी नीतियों के प्रति आश्वस्त कर के अपने अपने बाजार तैयार किया। और अब अचानक से ऐसे नीतियों को लेकर पलटने पर व्हाट्सएप में काफी नुकसान सह लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जल्द ही भारत में डाटा गोपनीयता से संबंधित कानून बनेगा और यदि कानून बनता है तो व्हाट्सएप को उन्हें मानना अनिवार्य होगा। इससे पहले व्हाट्सएप भारत के यूजर्स पर नई नीतियां नहीं थोप सकता।

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