Wed. May 29th, 2024
    SUPREME COURT

    नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)| सामान्य श्रेणी के एमबीबीएस छात्रों ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में नए सिरे से याचिका दायर की।

    विद्यार्थियों ने अर्जी में न्यायालय से उसके अपने आदेश को संशोधित करने का आग्रह किया है।

    सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में महाराष्ट्र में स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल और डेंटल सीटों के आवंटन के दौरान छात्रों को नए विकल्प दर्ज करने से रोक दिया गया है।

    शीर्ष अदालत ने पहले वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए ईडब्ल्यूएस कोटे को रद्द कर दिया था।

    वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील गोविंदजी ने विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करते हुए एक याचिका में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की।

    अदालत ने मामले पर सुनवाई की तिथि 10 जून तय की है।

    हेगड़े ने अदालत में कहा, “यदि उम्मीदवारों को नई वरीयता देने की अनुमति नहीं दी गई, तो उन्हें इसका नुकसान होगा। इससे पहले, अदालत ने हमें मूल विकल्प रखने के लिए कहा था।”

    महाराष्ट्र सरकार के वकील ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि अदालत ने पहले ही चार जून को एक आदेश पारित कर कहा था कि इस मामले में किसी अन्य याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा।

    सरकारी वकील ने कहा, “एक के बाद एक आवेदन दाखिल करने के तरीके से राज्य की मशीनरी ठप हो रही है।”

    हेगड़े ने कहा कि सरकार ने पहले परेशानी पैदा की और अब इस मामले पर अपने पैर खींच रही है।

    शीर्ष न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि 14 जून को या उससे पहले पीजी मेडिकल और डेंटल सीटों पर प्रवेश पाने वाले सामान्य उम्मीदवारों के लिए ‘अंतिम’ काउंसलिंग में फेरबदल करें।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *