प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने मंगलवार को एक एनजीओ के लोकस स्टैंडाई पर सवाल उठाया। इस एनजीओ का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण एक मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डी.के.शिवकुमार के खिलाफ बंद हो चुके भ्रष्टाचार के मामले को फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वकील प्रशांत भूषण से कहा, “आप किसी के कंधे का इस्तेमाल नहीं कर सकते।”
प्रशांत भूषण, एनजीओ समाज परिवर्तन समुदाय की तरफ से पेश हो रहे हैं। एनजीओ ने येदियुरप्पा व शिवकुमार के खिलाफ एक भूमि की अधिसूचना रद्द करने के मामले को फिर से खोलने की मांग की है।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए.बोबडे ने प्रशांत भूषण से कहा, “हमें दिखाएं कि लोकायुक्त के समक्ष आपकी शिकायत में क्या हुआ।”
इस पीठ की अगुवाई प्रधान न्यायाधीश कर रहे हैं और इसमें न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और सूर्यकांत भी शामिल हैं। पीठ ने भूषण से कहा कि अगर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है तो दिखाएं। मामले को दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया गया।
मुवक्किल के शिकायत के घटनाक्रम को बताते हुए भूषण ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के समक्ष एक रिप्रजेंटेशन प्रस्तुत किया था।
प्रधान न्यायाधीश ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री को आप का रिप्रजेंटेशन शिकायत नहीं है। प्रतिवादी के वकील ने कहा कि यह रिप्रजेंटेशन हाई कोर्ट के आदेश के बाद दिया गया, जिसने लोकायुक्त के आरोपपत्र को खारिज कर दिया था।”
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “आप को आपके मामले में क्या हुआ यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है.. और हम अपकी भूमिका के बारे में नहीं पूछ रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि लोकायुक्त ने आपकी शिकायत पर क्या किया, आप किसी अन्य की शिकायत का सहारा नहीं ले सकते।”