सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवाली पर रात 8 बजे से 10 पटाखे जलाने के आदेश का दिल्ली वालों पर कोई असर नहीं हुआ और मध्य रात्रि तक दिल्ली धुआँ धुआँ होती रही। नतीजा, सुबह आँख खोल कर बालकनी में निकलते ही लोगों को हवा में बारूद की गंध महसूस हुई। साउथ ब्लॉक एवं आसपास का इलाका स्मॉग की मोटी चादर से ढका हुआ था तो कई इलाको में एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 के पार चला गया।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर करीब 100 लोगों को गिरफ्तार करने की भी खबर है मगर इसके बावजूद शाम ढाते ही पटाखे जलाने का जो सिलसिला दिल्ली -एनसीआर वालों से शुरू किया वो आधी रात तक जारी रहा।
आनंद विहार के इलाके में और मेजर ध्यान चंद नैशनल स्टेडियम के आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल 999 तक पहुँच गया जो हवा की गुणवत्ता की ‘सबसे ज्यादा खतरनाक’ श्रेणी में है। विदेशी दूतावासों वाले क्षेत्र चाणक्यपुरी के आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स 459 रिकॉर्ड किया गया।
ITO, जहांगीरपुरी और पटपड़गंज-आईपी एक्सटेंशन क्षेत्र में भी हवा का स्तर खराब श्रेणी में रहा। कई इलाकों में तो ऐसा लग रहा था मानो लोग कोर्ट के ऑर्डर का उल्लंघन करने के उद्देश्य पर अड़े हुए थे।
मयूर विहार एक्सटेंशन, IP एक्सटेंशन, द्वारका, लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, नोएडा समेत कई इलाकों सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर देर रात तक पटाखों के शोर और धुंए में डूबे रहे जिसके कारण बुजुर्गों और सांस के मरीजों का बुरा हाल रहा।
दिवाली पर हुए जमकर आतिशबाजी का असर आने वाले कई दिनों तक दिल्ली को भुगतना पड़ेगा ये तो तय है।