नई दिल्ली, 27 अप्रैल | भारत में क्रिकेट के अलावा कोई अन्य खेल खेलकर नाम कमाना बहुत कठिन कार्य है, लेकिन राष्ट्रीय फुटबाल टीम के दिग्गज कप्तान सुनील छेत्री इसे करने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने बाईचुंग भूटिया के जाने के बाद से बहुत गर्व के साथ राष्ट्रीय टीम का कप्तान होने की भूमिका निभाई है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल करने के मामले में भी छेत्री (67) के नाम एक अनोखा रिकार्ड है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक अर्जेटीना के लियोनेल मेसी से भी अधिक गोल किए हैं।
आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान छेत्री ने कहा कि जब तक उनका शरीर अनुमति देगा वह भारत की जर्सी को गर्व के साथ पहनेंगे।
छेत्री ने कहा, “मेरे शरीर जब तक अनुमति देगा मुझे यह काम करते हुए खुशी मिलेगी। राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है और जब तक मेरे अंदर ताकत रहेगी मैं खेलता रहूंगा।”
भारत में फिलहाल, छेत्री के स्तर का कोई स्ट्राइकर मौजूद नहीं है और यह टीम की सबसे बड़ी समस्या है।
छेत्री ने कहा, “हम एक देश के रूप में पिछले पांच से सात वर्षो में अधिक स्ट्राइकर नहीं बना पाए और इसके पीछे कई कारण हैं। कुछ वर्षो पहले क्लबों ने विदेशी स्ट्राइकर पर अधिक भरोसा करना शुरू कर दिया था और अभी भी ऐसा ही हो रहा है। इसके अलावा, इस पोजिशन पर खेलने वाले खिलाड़ियों को भी अधिक भूख दिखाने होगी तभी कोच उन्हें मौका देंगे।”
उन्होंने कहा, “युवावस्था में ही खिलाड़ी की फिनिसिंग पर अधिक जोर देने की भी आवश्यकता है। इस कला को सीखना आसान नहीं है और यह खेल में सबसे महत्वपूर्ण है। कम उम्र से ही लगातार ट्रेनिंग करने से यह परेशानी दूर हो सकती है।”
भारत के लिए दमदार प्रदर्शन करने के साथ-साथ क्लब स्तर पर बेंगलुरू के लिए भी छेत्री का प्रदर्शन दमदार रहा है। उन्होंने टीम के साथ इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का खिताब भी जीता है।
छेत्री ने कहा, “पिछले छह सीजन से क्लब के लिए शानदार प्रदर्शन करने के पीछे कोई एक कारण नहीं है। मैदान और मैदान के बाहर एक सिस्टम सेट किया गया जिसका हमने पालन किया। क्लब के बॉल बॉय से लेकर मालिक तक ने एकदिशा में कदम बढ़ाया और हमें सफलता मिली। मैं बेंगलुरू में तीन बेहतरीन कोच के साथ काम करके भी भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।”
उन्होंने यह भी मान उनके करियर पर भूटिया का बहुत बड़ा असर रहा है। छेत्री ने कहा, “बाईचुंग भाई का मेरे ऊपर बहुत असर रहा है और मैं खुशनसीब हूं कि जब मैं एक पेशेवर खिलाड़ी के रूप में अपना करियर शुरू कर रहा था तब मुझे उनका काफी समय मिला। उनकी नैतिकता किसी से कम नहीं है और उन्होंने हमेशा मेरी मदद की।”