बल्लेबाजी के महान सुनील गावस्कर ने कहा कि इयोन मॉर्गेन की अगुवाई वाली इंग्लैंड विश्व कप जीतने वाली टीम होगी और टीम घरेलू फायदा के चलते उनके भारत के ऊपर बढ़त मिलेगी। वनडे रैंकिंग में शीर्ष पर चल रही इंग्लैंड की टीम ने हाल में पाकिस्तान के ऊपर पांच वनडे मैचो की सीरीज में 4-0 से जीत हासिल की थी।
मेजबान टीम आजतक विश्वकप के खिताब पर कब्जा नही कर पाई है लेकिन उन्होने 1979, 1987 और 1992 विश्वकप का फाइनल खेला है। टीम अब अपने अभियान की शुरआत दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ गुरुवार को ओवल लंदन में करेगी।
गावस्कर ने कहा, ” भारत नही इंग्लैंड इस विश्वकप के लिए है पसंदीदा।”
पूर्व कप्तान ने आगे कहा, ” वह पिछले कुछ समय से शानदार क्रिकेट खेलते आए है और उन्हे अपनी घरेलू परिस्थितियो में हराना अब और मुश्किल हो जाता है।”
शोपीस इवेंट के हालिया संस्करणों में होम एडवांटेज एक बड़ा कारक रहा है, जिसमें मेजबान भारत ने 2011 की ट्रॉफी जीती और ऑस्ट्रेलिया 2015 में मेलबर्न में विजयी रहा।
2018 की शुरुआत से ही इंग्लैंड की टीम एक आक्रमक रवैया बनाए हुई है और टीम ने आक्रमक क्रिकेट खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और भारत पर वनडे सीरीज में जीत दर्ज की है। इससे पहले 2015 में इंग्लैंड की टीम को बांग्लादेश के खिलाफ हारकर ग्रुप स्टेज में ही बाहर होना पड़ा था।
दूसरे स्थान पर भारत की संभावना कप्तान विराट कोहली पर काफी हद तक निर्भर करती है।
कोहली जो इस समय टेस्ट और वनडे प्रारुप में नंबर-एक बल्लेबाज है, उन्हे पिछले साल लोगो से आलोचनाए सुनने को मिली थी क्योंकि वह 2014 इंग्लैंड की सीरीज में रन बनाने में नाकाम रहे थे लेकिन 2018 में इंग्लैंड में खेली गई टेस्ट सीरीज जिसमें भारत को 4-1 से हार का सामना करना पड़ा था उसमें 593 रन बनाए थे।
लेकिन अक्सर उनकी कप्तानी को लेकर आलोचना होती रही है, पंडितों ने कहा कि 30 वर्षीय कप्तान को अक्सर स्टंप के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के अनुभव की आवश्यकता होती है।
कोहली ने हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग टी-20 टूर्नामेंट में 464 रन बनाए लेकिन उनकी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आठ टीमों की तालिका में सबसे नीचे स्थान बनाया।
टेस्ट में 10,000 रन बनाने वाले गावस्कर ने कहा, ” वह व्यक्तित्व तौर पर इंग्लैंड पर सफल हो सकते है जैसे वह पिछले साल थे।”
कपिल देव के नेतृत्व में 1983 में भारत की विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे गावस्कर ने कहा, “लेकिन एक कप्तान केवल उतना ही अच्छा होता है, जितना कि उसकी टीम और धोनी की मौजूदगी, कोहली पर भारी पड़ती है।”