एम एस धोनी का हाालिया फार्म उनके क्रिकेट करियर के लिए सही नही रहा हैं और जबकि की विश्वकप 2019 में अब केवल छह ही महीने बाकी हैं। धोनी ने टेस्ट मैच से पहले ही संन्यास ले रखा है और उनको अभी हाल ही में वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 टीम में भी शामिल नही किया गया था, इसे देख के लगता हैं कि वह इस छोटे फार्मेट से भी सन्यास न ले बैठे।
धोनी अब एक फिनिशर के रुप में टीम के लिए प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं, और ना ही वह मैच के दौरान बल्लेबाजी करते हुए गेंद को सही से टाइम कर पाते हैं, और ना ही धोनी अपनी बल्लेबाजी और इस फार्म को देखकर रणजी ट्राफी में झारखंड की तरफ से खेल रहे हैं, धोनी ने कहा था कि मैं टेस्ट मैच से सन्यास ले चूका हूं इसलिए मैं रणजी ट्राफी नही खेलूंगा।
भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का धोनी के संदर्भ में कहना है कि आने वाले कुछ महीने धोनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि विश्वकप के लिए टीम चुनी जाएगी।
सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि ” धोनी ने ना ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज खेली, और ना ही वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेले और ना ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभी टेस्ट सीरीज खेलेंगे, तो वह इससे पहले अक्टूबर में खेले थे और अब सीधा जनवरी में खेलेंगे, जो की एक बल्लेबाज के रुप में उनके लिए एक बहुत बड़ा फासला हैं, और अगर वह ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में अच्छा नही खेलते तो उनके लिए विश्वकप की टीम में जगह लेना और मुश्किल हो जाएगा।”
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती हैं, तो प्रतिस्पर्धा क्रिकेट में यह एक खिलाड़ी के लिए यह ठीक बात नही हैं, औऱ इससे प्रदर्शन में भी कमी आने लगती हैं, अगर तुम डोमेस्टिक लेवल में किसी भी प्रकार की क्रिकेट खेल रहे हो तो, यह तुम्हारे लिए एक बड़ी इनिंग खेलने का अच्छा मौका रहता हैं, और इससे तुम्हारा एक अच्छा अभ्यास भी होता हैं।”
इंडिया टुडे से बात करते हुए गावस्कर ने यह भी कही कि ” हमे धवन औऱ धोनी से नही पूछना चाहिए की तुम घरेलू क्रिकट क्यो नही खेल रहे, हमें बीसीसीआई औऱ सलेक्टर्स से पूछना चाहिए कि वह खिलाड़ियो को घरेलू क्रिकेट छोड़ने की इजाजत क्यो दे रहे है, जबकि वह नेशनल टीम का हिस्सा नही हैं।”