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    कपिल देव

    भारत के पूर्व कप्तान और 1983 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य सुनील गावस्कर को लगता है कि भारत के लिए आगामी विश्कप में इंग्लैंड के लिए बहुत कुछ रखा है।

    36 वर्षों के बाद भी, कई पंडितों का मत है कि 1983 में भारत की जीत एक अस्थायी थी …

    यह समझ में आता है कि बहुत से लोगों ने सोचा था कि 1983 में हमारी जीत एक अस्थायी थी। क्योकि इससे पहले विश्वकप के संस्करणो में भारत का विश्वकप का प्रदर्शन अच्छा नही रहा था। उस समय वेस्टइंडीज की टीम बहुत मजबूत टीम थी और लोगो को विश्वास नही हो रहा था कि वह हमारे द्वारा दिए गए एक छोटे से लक्ष्य का पीछा करने से कैसे चूंक गए थे।

    आपको कब ऐसा लगा की अब टीम विश्वकप जीत सकती है? क्या विव रिचर्ड्स के विकेट के बाद?

    हां, यह निश्चित रुप से मैच में एक सबसे महत्वपूर्ण क्षण था। विव अकेले एक मैच विजेता खिलाड़ी थे और जब उनका विकेट गिरा तो हमे लगा अब हमारे पास विश्वकप अपने कब्जे में करने का मौका है।

    विश्वकप 1983 की अपनी पंसदीदा यादगार लम्हे के बारे में कुछ बताओ?

    मेरा पसंदीदा लम्हा वह था जब कपिल अपने सिर के ऊपर कप उठाते है और उसे उन हजारों भारतीय समर्थकों को दिखाते है जो बालकनी से नीचे इकट्ठे हुए थे।

    भारत की वर्तमान विश्वकप टीम के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद क्या होगा?

    टीम में कुछ बहुत अच्छे खिलाड़ी है। टीम के पास प्रारूप के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है, शानदार ओपनिंग बल्लेबाज है, एक सर्वश्रेष्ठ वनडे गेंदबाज है, दो शानदार स्पिनर है और टीम को एक अच्छा आत्म-विश्वास भी मिला है।

    क्या 1983 विश्वकप टीम के विजेता खिलाड़ियो को बीसीसीआई लॉर्ड्स में विश्वकप 2019 का फाइनल देखने के लिए आमंत्रित करेगी?

    बीसीसीआई अद्भुत था जब उन्होंने 2008 में सिल्वर जुबली समारोह मनाया और वह भी लॉर्ड्स के लॉन्ग रूम में। हां, यह बहुत अच्छा होगा यदि न केवल 1983 की टीम बल्कि 2011 के विजेता भी इंग्लैंड में भारतीय टीम के लिए फाइनल में पहुंचने में सक्षम हों।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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