Thu. Dec 19th, 2024
    सुजय विखे पाटिल

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के पुत्र और अहमदनगर लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी सुजय विखे पाटिल ने कहा है कि उनकी पहली चुनावी लड़ाई में कांग्रेस तो उनके साथ खड़ी नहीं रही पर उनके परिवार ने अवश्य ही उनका साथ दिया है।

    सुजय ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में राकांपा की आलोचना करते हुये कहा कि उसने चुनावों को निजी मसला बना दिया है जिसकी वजह से वह भाजपा में शामिल हुये।

    उन्होंने कहा कि बीते तीन सालों में उन्होंने अहमदनगर संसदीय सीट में काफी मेहनत की है और वह ‘उसका सांसद बनने’ की योग्यता अर्जित की हैं।

    सुजय ने गत माह भगवा दल की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने ये निर्णय तब किया जब शरद पवार नीत राकांपा ने अहमदनगर लोकसभा सीट पर दावा छोड़ने से इंकार कर दिया था।

    पेशे से न्यूरोसर्जन सुजय ने कहा कि भाजपा में जाने का निर्णय सरल नहीं था।

    उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बीते तीन वर्षों से लोगों के बीच भाजपा नीत सरकार के विरोध में बोलता रहा हूं। लेकिन राकांपा को धन्यवाद जिन्होंने इस संक्रमण को सहज बना दिया।’’

    सुजय ने कहा, ‘‘मेरा कांग्रेस छोड़ने का निर्णय इसलिए किया क्योंकि मैंने भीतर से महसूस किया कि मेरे पास मेरे काम के प्रति लोगों का समर्थन है तो फिर मुझे किस आधार पर रूकना चाहिये।’’

    उन्होंने कहा,‘‘मुझे पीछे नहीं देखना था। पीछे कुछ नहीं था। यह कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि वह मुझे सीट देती, पर राकांपा बदला लेने की राजनीति में शामिल हो गई। यह परिवार के खिलाफ व्यक्तिगत मामला बन गया और मेरे पास कोई विकल्प शेष नहीं रह गया था।’’

    उन्होंने कहा कि उन्हें यह प्रस्ताव दिया गया था कि वे बतौर राकांपा उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं। सुजय ने कहा, ‘‘लेकिन मैं डूबते जहाज की सवारी क्यों करूं। अगर मुझे कांग्रेस छोड़नी है तो इससे बेहतर यही होगा कि मैं राष्ट्रीय दल में शामिल होऊं, जिसके पास प्रधानमंत्री का चेहरा है और बहुत भारी संख्या में प्रशंसक हैं।’’

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के चेहरे के अलावा प्रत्याशी की साख भी मायने रखती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *