सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने गुरुवार को केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त के वी चौधरी से मुलाकात की और राकेश अस्थाना द्वाराअपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया।
राकेश वर्मा 1 बजे सीवीसी कार्यालय में आए और सतर्कता आयुक्त शरद कुमार से मुलाकात की।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्तूबर को केन्द्रीय सतर्कता आयोग से अस्थाना की तरफ से वर्मा के खिलाफ लगाए आरोपों की जांच दो हफ्तों के भीतर पूरा होने को कहा था।
दोनों को सरकार द्वारा छुट्टी पर भेज दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सीवीसी ने अस्थाना को भी मिलने और बयान दर्ज कराने को कहा है। सतर्कता आयोग ने हाल ही में कुछ सीबीआई अधिकारियों की जांच की थी, जो जांच एजेंसी के मुख्य आलोक वर्मा के खिलाफ अस्थाना की भ्रष्टाचार की शिकायत में महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक और ड्युप्टी निरीक्षक के पद से सीबीआई कर्मियों को बुलाया गया था और उनके बयान एक वरिष्ठ सीवीसी अधिकारी के समक्ष दर्ज किए गए थे।
जिन अधिकारियों ने बयान दर्ज किये थे वो अधिकारी भी शामिल थे जिन्होंने मोइन कुरेशी रिश्वत मामले और आईआरसीटीसी घोटाले को संभाला था, जिसमें पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव जुड़े थे।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि वर्मा के खिलाफ आरोपों में सीवीसी 2 हफ़्तों ने रिपोर्ट दे। वर्मा और अस्थाना ने सरकार के छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को चुनौती दी थी।
गौरतलब है कि सीबीआई ने 15 अक्तूबर को अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमे अस्थाना ने कथित रूप से मोइन कुरेशी के खिलाफ जांच को बंद करने के लिए हैदराबाद स्थित कारोबारी साना सतीश बाबू से 2 करोड़ रुपये दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के माध्यम से लिए थे।