दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधियों के बीच में सीलिंग मुद्दे पर बुलाई गई बैठक हंगामे में तब्दील हो गई। सीएम आवास पहुंचे मनोज तिवारी की अगुवाई में सबसे पहले गुलदस्ते का आदान-प्रदान किया गया। फिर सीलिंग मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई और बहस पर जाकर खत्म हुई।
बहस इतनी बढ़ गई कि मनोज तिवारी की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल सीएम आवास के बाहर भी धरने पर बैठ गया और केजरीवाल व आप नेताओं के ऊपर जमकर आरोप लगाए।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में छह सांसदों और दो महापौरों का दावा है कि केजरीवाल व उनकी पार्टी के विधायकों ने उनसे बदसलूकी व धक्का-मुक्की की है। बीजेपी की महिला नेता, सासंदो व विधायकों ने आप के कार्यकर्ताओं व बाउंसरो द्वारा छेड़छाड़ का आरोप तक लगाया।
केजरीवाल ने आरोपों को बताया “आधारहीन”
बीजेपी के आरोपों को आधारहीन बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि हमें आशा थी कि बीजेपी प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके सीलिंग मुद्दे पर सकारात्मक वार्ता हो सकेगी। लेकिन वे लोग बिना वजह बहसबाजी करके चले गए। वे अकेले में बात करना चाहते थे।
केजरीवाल ने कहा कि कल हमारे पास विजेंद्र गुप्ता की चिट्ठी आई थी कि हम लोग मिलना चाहते है। उसके बाद ही हमने सीएम आवास पर बैठक आयोजित करने का फैसला किया था।
वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि केजरीवाल से मिलने जब सीएम आवास पंहुचे तो उन्होंने सैकड़ों आप कार्यकर्ताओं को वहां पर बुलाकर भीड़ जुटा रखी थी। केजरीवाल ने सभी के साथ बात करने को कहा तो वहीं बीजेपी ने कहा कि भीड़ के साथ बातचीत संभव नहीं है।
बीजेपी नेताओं ने दी पुलिस में शिकायत
आगे कहा कि हम केजरीवाल व उनके कुछ प्रतिनिधियों के साथ अलग कमरे में बैठकर सीलिंग मुद्दे पर बातचीत करना चाहते है। मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि जब मैं चिंता जाहिर कर रहा था तो आप विधायक जितेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हम यहां आपके व्याख्यान सुनने के लिए नहीं आए है। इस तरह से बीजेपी नेताओं के साथ झगड़े का प्रयास किया गया।
मनोज तिवारी ने कहा कि हम लगभग 20 लोग थे, जबकि केजरीवाल वहां करीब 150 लोगों के साथ बैठे थे, जिनमें आम आदमी पार्टी के विधायक भी थे। बीजेपी नेताओं ने आप पार्टी के विधायकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है।