सीरिया की सेना ने विद्रोहियों के गढ़ से महत्वपूर्ण रणनीतिक शहर को छीन लिया है। इसकी जानकारी सहयोगी हिजबुल्लाह द्वारा संचालित वॉर मॉनिटर और सैन्य मीडिया ने इसकी जानकारी दी है। तीन माह पूर्व शुरू हुई आक्रमक कार्रवाई के दौरान इदलिब में अल होबिट को कब्जे में प्रवेश का द्वार इस शहर को बताया था। विद्रोहियों ने शहर में जारी संघर्ष पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन इस हफ्ते उन्होंने अपने इलाके को खोया है और सेना ने भी आक्रमक हवाई हमलो में वृद्धि की है।
शनिवार को जारी संघर्ष में दोनों 2000 हवाई और टॉप से विद्रोहियों के गढ़ में हमला किया थापक्षों के 100 से अधिक लड़ाको की हत्या हो गयी थी। सेना और उसके सहयोगियों ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को तीन माह के आक्रमण में देश के दक्षिणी इलाके में काफी कम प्रगति हासिल हुई थी।
सीरिया की जंग में रूस ने भी साल 2015 में प्रवेश किया था और इसके बाद विद्रोहियों के इलाको में सरकार ने काफी जीत हासिल की थी। कुछ विद्रोही समूहों के समर्थक तुर्की ने इस इलाके के फ्रंटलाइन पर कई सैन्य चौकियों की स्थापना की थी।
बशर अल असद ने मुस्लिमो के ईद अल अधा के अवसर पर रविवार को सुबह दुआ मांगी थी और सीरिया के हर एक इंच को वापस लेने का संकल्प लिया था। इसमें कुर्द विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित उत्तरी पूर्वी इलाका भी शामिल है। इस आक्रमण के बाबत संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायक विभागों ने एक नए मानवीय संकट के उपजने की चेतावनी दी है।
तुर्की के साथ सटी सीमा पर हिंसा में बढ़ोतरी से हजारो लोग अपना घर छोड़कर भागने पर मजबूर हुए हैं। सीरिया के सैन्य हवाई हमले में अस्पताल, स्कूल, वाटर पॉइंट, मार्किट, बेकरी और अन्य नागरिक ढांचों को निशाना बनाया जाता है।