रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को सीरिया के मसले पर चर्चा के लिए जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन को से फोन किया था। तीनो नेताओं की फ़ोन पर बातचीत के बाद क्रेमलिन ने कहा कि “तीनो पक्षों ने सीरिया के मामले पर अपनी राय साझा की थी। इसमें उग्र हथिरबंद समूहों द्वारा इदलिब में संघर्षविराम संधि का उल्लंघन बभी शामिल है।”
क्रेमलिन के मुताबिक, रुसी राष्ट्रपति ने अपने सहयोगियों को सीरिया के उत्तर पश्चिम में तुर्की द्वारा स्थिरता कायम करने के प्रयासों के बाबत जानकारी दी। साथ ही नागरिकों की रक्षा और आतंकी खतरों से निपटने के तुर्की के अंदाज़ के बारे में सूचित किया था।
उनका विशेष ध्यान संवैधानिक समिति के गठन और उद्धघाटन के पहलुओं ने आकर्षित किया था। चार पक्षों तुर्की, रूस, जर्मनी, फ्रांस अक्टूबर 2018 में समझौते पर पंहुचे थे। सभी पक्ष यूएन सिक्योरिटी कॉउन्सिल रसोलूशन 2254 के तहत सीरिया के संकट के राजनीतिक समाधान के जारी समन्वय प्रयासों पर राज़ी हो गए थे और यह सीरिया की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों पर आधारित है।”
सीरिया के हमा प्रान्त में हाल ही में रुस समर्थित सीरिया की सेना और विद्रोहियों के बीच हिंसक झड़प हो गयी जिसमे जिसमे 40 लड़ाकों की मौत हो गयी थी। रूस की इदलिब में सोमवार को हवाई हमले से पांच बच्चों सहित 10 नागरिकों की मौत हो गयी थी। इदलिब चरमपंथियों के नियंत्रण का सबसे बड़ा भाग है।
इदलिब में संघर्ष की शुरुआत विगत महीने हुई और साल 2018 में तुर्की और रूस के बीच हुए समझौते का उल्लंघन किया गया था। 25 अप्रैल से इदलिब में 167 नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है और यह प्रान्त 30 लाख लोगो का निवास स्थान है। सीरिया की जंग में 370000 लोगो से अधिक की मौत हो चुकी है और लाखों लोग जंग की शुरुआत से ही गायब है।
तीनो पक्षों ने इसके आलावा यूक्रेन के मसले पर भी चर्चा की थी। यूक्रेन में प्योतर पोरोशेंको के शासन की दिवालिया नीतियों से यूक्रेन में संकट और वहां नेतृत्व में बदलाव के बाबत भी चर्चा की गयी थी।