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    इदलिब प्रान्त

    रुस द्वारा समर्थित सीरिया की सरकार ने उत्तर पश्चिमी इदलिब प्रान्त में एकतरफा सैन्य संघर्षविराम का ऐलान कर दिया है। यह प्रमुख विद्रोहियों का आखिरी गढ़ है। यह जानकारी मॉस्को के रक्षा मंत्रालय ने जारी की थी। सीरिया से सम्बंधित रक्षा मंत्रालय के विभाग ने कहा कि “सरकारी बलों ने मध्यरात्रि से संघर्षविराम की योजना तय की है।”

    रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “यह कदम एकतरफा है हालाँकि उन्होंने इसके बाबत अधिक जानकारी नहीं दी है।” विपक्षी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि रविवार को भी घेरेबंदी और गोलीबारी जारी थी। सीरिया के इदलिब में बीते माह संघर्षविराम समझौते को तोडा गया था। यह साल 2018 में तुर्की और रूस के बीच में हुआ था।

    सीरिया की सरकार ने इदलिब में नागरिकों पर हमला करने का आरोप लगाया है। संयुक्त राष्ट्र ने भी मानवीय तबाही की चेतावनी दी है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद आखिरी चरमपंथियों के गढ़ पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं।

    सीरिया में सैन्य संघर्ष साल 2011 से जारी है। इसमें रूस, तुर्की और ईरान संघर्षविराम सरकार के गारंटर के तौर पर है। अब इस क्षेत्र में दो गुट बनते दिख रहे हैं इसमें एक सीरिया और रूस है जबकि दूसरा ईरान और तुर्की है। सीरिया में संघर्ष की शुरुआत से 400000 से अधिक लोगो की हत्या हुए है और लाखो लोग विस्थापित हुए हैं।

    इदलिब में करीब तीस लाख लोग रहते हैं और उनका इस कथित असैन्य क्षेत्र सुरक्षित क्षेत्र में संरक्षण होना चाहिए। बीते वर्ष सितम्बर में रूस और तुर्की के बीच इस क्षेत्र में कार्रवाई न करने के लिए एक समझौता हुआ था। मॉस्को साल 2015  से असद की सेना का समर्थन करता है जबकि अंकारा साल 2011 से जंग की शुरुआत से ही सीरिया के विद्रोहियों का समर्थन करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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