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    व्लादिमीर पुतिन

    रूस और अमेरिका के बीच चल रहे शीतयुद्ध को बढ़ावा देते हुए मास्को ने सीरिया को एस 300 मारक मिसाइल देने का ऐलान किया है। दो सप्ताह पूर्व रूस ने इजराइल पर सीरिया में मिलिट्री विमान के गायब होने का आरोप लगाया था।

    इस विमान में 15 रुसी सदस्य थे जो सीरिया में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ रहे थे। रुसी रक्षा मंत्री ने कहा कि एस 300 मिसाइल प्रणाली को दो सप्ताह में सीरीयाई सरकार को सौंप दिया जायेगा। सीरिया में सरकार के पक्ष की तरफ से लड़ रहे रूस ने इजराइल पर विमान के क्रैश होने की स्थिति उत्पन्न करने का आरोप लगाया।

    वही इजराइल जिसने सात सालों के युद्ध में सीरिया पर कई हमले किये। इजराइल ने इस घटनाक्रम के बाद कहा कि रुसी आर्मी से विवाद न होने के लिए रणनीति बनानी होगी। मास्को ने काफी समय बाद सीरिया को एस 300 मिसाइल मुहैया करने का फैसला लिया है।

    रुसी प्रवक्ता ने कहा की सीरिया को हथियार मुहैया करने का निर्णय किसी तीसरे देश ने निर्देश नहीं लिए है। इसका मकसद रूस को अपनी फौज की सुरक्षा को बढ़ाना है। उन्होंने इस्राल पर मास्को के विमान को गिराने का इलज़ाम लगाया।

    हमारे मिलिट्री विशेषज्ञों के मुताबिक इसरायली पायलट की जानबूझकर की गई हरकत के कारण विमान क्रैश हुआ है। इसने रूस और इजराइल के संबधों को आघात पहुंचाया है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का ऑफिस रूस के फैसलों पर टिका है।

    राष्ट्रपति पुतिन ने भी विमान लापता होने का जिम्मेदार इजराइल को ठहराया है। मास्को सीरिया में लापता विमान को खोजने के लिए रुसी ट्रैकिंग और दिशानिर्देश प्रणाली का प्रयोग करेगा।

    रूस ने इजराइल के विरोध के बावजूद अप्रैल में असद सरकार को एस 300 मिसाइल देने के संकेत दिए थे। इस मिसाइल का निर्माण सोवियत संघ के समय किया था। अब यह काफी मारक क्षमताओं में उपलब्ध है।

    इजराइल ने कहा कि उनका हमला रूस के साझेदार असद अल बसर को डराना नहीं था। उन्होंने कहा कि वह अंत तक प्रयास करते रहेंगे कि रूस एस 300 मिसाइल सीरिया को न बेचे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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