सीरिया के उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र इदलिब में हिंसा से 150000 से अधिक लोग बीते हफ्ते में विस्थापित हुए हैं। सीरिया की सरकार और रूस ने चरमपंथियों के ठिकानों पर घातक बमबारी की है। इस क्षेत्र पर अलकायदा के सहयोगी का नियंत्रण है। इस हमले में 12 अस्पतालों और 10 स्कूलों को भी क्षति पंहुची है।
सीरिया के आक्रमण से रक्षा के लिए बीते वर्ष सितम्बर में डमस्कस के सहयोगी रूस और विद्रोही समर्थित तुर्की ने एक बफर जोन समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। जनवरी ने चरमपंथियों के समूह हयात तहरीर अल शाम समूह ने इस पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया था। इसके बाद रूस ने 30 लाख लोगो के क्षेत्र में भारी बमबारी की थी।
मंगलवार को हवाई हमले और गोलबारी में 13 नागरिकों की मौत हो गयी थी और यह बमबारी निरंतर आठ दिनों तक जारी रही थी। कोऑर्डिनेशन ऑफ़ हुमानिटरियन अफेयर्स के यूएन दफ्तर के प्रवक्ता डेविड स्वांसो ने बताया कि “जन केन्द्रो और नागरिक ढांचों में हवाई हमले की रिपोर्ट्स से हम सचेत हो गए थे।
सिर्फ एक हफ्ते में 152000 से अधिक महिलाएं, बच्चे और पुरुषों ने इदलिब और अलेप्पो से विस्थापन किया है। दक्षिणी इदलिब के 40 वर्षीय अबू अहमद ने बताया कि “यह तीसरी बार है जब हम विस्थापित हुए हैं लेकिन इस बार बेहद भयावह मंज़र था।” वह मंगलवार को अपने परिवार के साथ तुर्की के करीब सीमा क्षेत्र की तरफ भाग गए थे।
आठ वर्षों के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल असद का देश के 60 फीसदी क्षेत्र पर नियंत्रण है लेकिन इदलिब अभी भी सरकार के नियंत्रण से बाहर है। चरमपंथियों और सरकार समर्थित सेनाओं के बीच रात में हम प्रान्त में संघर्ष की शुरुआत हुई थी।
ब्रिटेन के निगरानीकर्ता समूह ने बताया इस भयावह संघर्ष में सरकार के 24 लड़ाके और 29 चरमपंथियों की हत्या हुई है।यह चरमपंथी एचटीएस, तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी और उइगर प्रभुत्व वाले चरमपंथी समूह के सदस्य हैं।
न्यूज़ एजेंसी सना के मुताबिक, सीरिया के सैनिको ने मंगलवार को हमा प्रान्त में हथियारबंद समूहों पर रॉकेट दागे थे। इसमें कई लड़ाकों की मौत हो गयी थी। यूएन के महासचिव एन्टोनियो गुएटरेस ने तत्काल कम करने की मांग की थी क्योंकि रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है। साथ ही उन्होंने सभी पक्षों से सितम्बर में हुए संघर्षवाराम समझौते का पालन करने का अनुरोध किया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने ट्वीटर पर हिंसा को रोकने और राजनीतिक समाधान के लिए यूएन का समर्थन करने की मांग की है। मंगलवार को अलकायदा के सहयोगी हुररस अल दिन ने सरकारी सेनाओं की चौकियों पर हमला किया था जिसमे नौ सरकारी सैनिक और तीन आतंकी मारे गए थे।
द सेंचुरी फाउंडेशन के एरोन लुंद ने कहा कि इस हमले का मकसद दो महत्वपूर्व राज्यमार्गो पर नियंत्रण स्थापित करना है।