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    सीरिया में हवाई हमला

    सीरिया के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित जिहादियों के गढ़ में सरकार की सेना ने बमबारी की और इसमें बुधवार को 15 लोगो की मौत हो गयी थी जबकि हमलो को रोकने की मांग की गयी थी। हवाई हमलो को रुसी और सरकार के जंगी विमानों ने अंजाम दिया था कुछ ने बरईल बम का इस्तेमाल किया था। इस क्षेत्र में हवाई हमले से नागरिकों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

    तुर्की और रूस के बीच बीते वर्ष सितम्बर में एक संघर्षविराम शाम्झौता हुआ था और इस हिंसा ने इसे तोड़ दिया है।  हमले के  कारण लोग विट्शापित विस्थापित हो रहे हैं और भयवाह मानवीय तबाही की डर बना हुआ है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को बमबारी रोकने का आग्रह किया था। अप्रैल में सरकार ने हमलो की स्नाख्या को बढ़ा दिया था और इसके बाद नागरिकों की मृत्यु की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।

    बुधवार को हवाई बमबारी में इदलिब प्रान्त के प्रति कोई तरस नहीं खाया गया था। इस प्रान्त पर हयात तहरीर अल शाम का नियंत्रण है जो पूर्व में अल कायदा के सदस्य थे। ब्रिटेन की सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स मॉनिटरिंग आर्गेनाइजेशन के मुताबिक, बुधवार को हवाई हमले में मारे गए पीड़ित सरजा गाँव से थे।

    निगरानी समूह के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने बताया कि “बारा गाँव में एक पिता और उनके तीन बच्चों को मौत हो गयी थी और हवाई हमले में मारे गए चार नागरिक हबैत और अरिन शहरो से थे। रूस और सरकार की तरफ से जारी बमबारी कई क्षेत्रों में काफी तीवव्र हो गयी है। रुसी हमलो का फोकस खान शेखुन है लेकिन अभी कोई हताहत नहीं हुई है।”

    हालिया दिनों में इदलिब में नागरिकों की मौतों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है और यह बीते महीने 270 तक पंहुच  गया था। इन हमलो के बावजूद सरकार ने जिहादियों के गढ़ को वापस अपने नियंत्रण में लेने के ऑल आउट आक्रमण के बाबत जिक्र नहीं किया है। इस क्षेत्र में 30 लाख नागरिक निवास करते हैं।

    जानकारों के मुताबिक, राष्ट्रपति बशर अल असद और उनके सहयोग क्षेत्र के टुकड़ों में हमला जारी रखेंगे लेकिन कोई बड़ा हमला नहीं करेंगे जिससे तुर्की के दरवाजे पर अराजकता की दस्तक हो जाए।

    मंगलवार को सीरिया के यूएन राजदूत बशर जाफरी ने कहा कि “इदलिब को जिहादियों के नियंत्रण से निकालने के लिए डमस्कस को कसर नहीं छोड़ेगा।” यूएन के उप सहायता सचिव उर्सुला मुएलर ने सुरक्षा परिषद् से कहा कि “तनाव में अधिक वृद्धि से क्षेत्र के निवासियों को मानवीय सहायता देने में खतरा बढ़ जायेगा।”

    अप्रैल में संघर्ष की शुरुआत से इदलिब से 270000 लोग विस्थापित हुए हैं और सहायता विभागों को मज़बूरन कुछ क्षेत्रों में अपना कार्य स्थगित करना होगा। 28 अप्रैल को 23 स्वास्थ्य केन्द्रो को निशाना बनाया गया था जबकि दो स्वस्थ केन्द्रू पर दो बार हमला किया गया था। इसमें पांच स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत हो गयी थी और साथ अन्य घायल थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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