गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुठभेड़ के बाद पकड़े गए आईएसआईएस के तीन आतंकवादियों के तार सीरिया से मलेशिया तक जुड़े पाए गए हैं। सीरिया दुनिया में आईएसआईएस का गढ़ है। भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिलवाने का मुख्य आरोपी जाकिर नाईक कई सालों से मलेशिया में है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा गुरुवार को पकड़े गए आईएसआईएस समर्थित इन तीनों आतंकवादियों से पूछताछ के लिए कर्नाटक, केरल, बिहार, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना सहित अन्य कुछ राज्यों की पुलिस टीमों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। फिलहाल खुफिया एजेंसियों’रॉ’, ‘आईबी’ और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के अधिकारियों की मौजूदगी में हर राज्य की पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है। इनसे दिन-रात पूछताछ जारी है।
आईएएनएस को शनिवार को यह जानकारी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की उस विशेष टीम के एक सदस्य ने दी, जिस टीम ने गुरुवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वजीराबाद इलाके में इन तीनों को एक जबरदस्त मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था।
तीनों तक पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह कुशवाह के नेतृत्व में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ललित मोहन नेगी, हृदय भूषण, इंस्पेक्टर सुनील रजैन, इंस्पेक्टर रविंद्र जोशी, इंस्पेक्टर विनोद बडोला और इंस्पेक्टर विनय पाल की पांच-छह टीमें तैयार की गई थीं।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इन टीमों ने कई महीनों से तमिलनाडु से लेकर नेपाल-भारत सीमा तक जाल बिछा रखा था। स्पेशल सेल की इन टीमों ने कई बार आईएसआईएस से प्रभावित इन आतंकवादियों के बीच होने वाली बातचीत भी सुनी थी। ये आतंकवादी और उनके आका इस कदर शातिर दिमाग हैं कि ये लोग किसी भी एक शहर में दो-तीन दिन से ज्यादा नहीं टिक रहे थे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के कान तब खड़े हुए जब इन आतंकवादियों की बातचीत में मलेशिया में छिपे जाकिर नाईक और दुनिया में आईएसआईएस के गढ़ सीरिया का नाम सुनाई देने लगा। इसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने तय किया कि इन आतंकवादियों को किसी भी तरह दिल्ली पहुंचने दिया जाए। जैसे ही ये आतंकी दिल्ली पहुंचे, स्पेशल सेल की टीमों ने गुरुवार को इन्हें दिल्ली के वजीराबाद इलाके में घेर लिया।
स्पेशल सेल की टीम के एक सदस्य ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को शुक्रवार को बताया, “पकड़े गए एक आतंकवादी पर जाकिर नाईक का प्रभाव इस कदर है कि उसने अपनी दाढ़ी तक कटवा डाली। तीनों आईएसआईएस की नजरों में आने के लिए भारत में किसी भी बड़ी से बड़ी वारदात को अंजाम देने का रास्ता दिन-रात खोजने में जुटे थे। इन्हें उम्मीद थी कि हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली में अगर वे किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में कामयाब हो गए तो जाकिर नाईक और आईएसआईएस खुद ही इन्हें अपने करीब बुलाने का इंतजाम कर लेंगे।”
गुरुवार को स्पेशल सेल के हाथ लगे ख्वाजा मोइदीन (52), सईद अली नवास (32) और अब्दुल समद उर्फ नूर (28) तमिलनाडु के रहने वाले हैं। तीनों ही तमिलनाडु में हिंदूवादी नेता के.पी. सुरेश की हत्या करने के बाद पकड़े गए थे और बाद में सशर्त जमानत मिलने के बाद से गायब हो गए थे।
स्पेशल सेल के एक आला-अफसर के अनुसार, “खुफिया तरीके से इन तीनों आतंकवादियों की जो दिल दहला देने वाली बातें दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमों ने सुनीं, उनके मुताबिक तो हम इन्हें नेपाल में भी दबोच सकते थे। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत और नेपाल-भारत के बीच मौजूद संधि के तहत तीनों को वहां से भारत लाना मुश्किल हो जाता। इसीलिए हमने (स्पेशल सेल) सब्र से काम लिया।”
इन आतंकवादियों को दबोचने वाली स्पेशल सेल की टीम के एक अन्य सदस्य के मुताबिक, “गिरफ्तारी से पहले कई ऐसे मौके आए जब लगा कि तीनों हमारे हाथ से निकल जाएंगे। इसके बाद भी हम लोग सब्र के साथ, इनके आकाओं से हो रही इनकी बातचीत सुनते रहे। हम इन पर हर लम्हा नजर बनाए रहे, क्योंकि हम दिल्ली की सीमा से बाहर इन पर हाथ डालना नहीं चाह रहे थे।”
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के ही सूत्रों के मुताबिक, “राजधानी में गुरुवार को इनकी गिरफ्तारी की बात मीडिया के जरिए फैलते ही कई राज्यों की पुलिस टीमें दिल्ली पहुंच चुकी हैं। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, आईबी और रॉ के अधिकारियों की मौजूदगी में हर राज्य की पुलिस टीम इनसे बारी-बारी से पूछताछ कर रही है।”