Mon. Nov 18th, 2024
    syrian recontruction

    मानवाधिकार निगरानी समूह ने शुक्रवार को कहा कि “पश्चिमी अनुदानकर्ताओं को सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि कोई भी सहायता या सीरिया (Syria) में भविष्य में पुनर्निर्माण सहायता राष्ट्रपति बशर अल असद के सहयोगियों के लिए फायदेमंद नहीं होगी।” न्यूयॉर्क में स्थित एचआरडब्ल्यू के मुताबिक, सीरिया की सरकार ने देश में आठ वर्षों की जंग के दौरान सहायता के प्रवाह पर कड़ा नियंत्रण रखा हुआ है।

    विरोधी क्षेत्र के सहयोगियों की आपूर्ति को बाधित करते हैं और वफादारों का समर्थन करते हैं। सीरियन विभागों ने भुखमरी को युद्ध के हथियार या सरकारी क्षेत्रों में मदद को मोड़ने के लिए इस्तेमाल करने से इंकार कर दिया है। लेकिन मानवधिकार समूह की कर्मचारियों और विशेषज्ञों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, यूएन और अन्य सहयता एजेंसियों को चयनित क्षेत्रों में वितरण के लिए मज़बूर किया जाता है।

    अनुदानकर्ताओं को ड्राइवर की सीट पर होना चाहिए अब असद के पास जंग जीतने को सब है लेकिन लाखों सीरिया के शरणार्थियों को घर वापस लौटने पर विचार किया जाना चाहिए जहां एक-तिहाई इमारते ध्वस्त ही चुकी है।

    ह्यूमन राइट वाच की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सीकेनेथ रोथ ने कहा कि “सीरिया की सरकार ने खुद को सहायता के आने पर हेरफेर का मास्टर साबित कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण क्षण हैं क्योंकि इस क्षण में सीरिया की सरकार खुद पुनर्निर्माण सहायता के लिए पश्चिम से अरबो डॉलर की भीख ले रही है। जो दिक्कते हम देख रहे हैं यह बढ़ती चली जाएगी अगर इसके समाधान के लिए गंभीर प्रयास न किया गया तो।”

    अमेरिका और यूरोपीय संघ ने कहा कि “वे सीरिया में बगैर राजनीतिक ट्रांजीशन के पुनर्निर्माण के लिए सहायता मुहैया नहीं कर सकते हैं। रोथ ने कहा कि “सीरिया के मुख्य आर्थिक सहयोगी रूस और ईरान खुद अभी आर्थिक मुसीबत झेल रहे हैं। इसलिए मुख्य फंड का कोई बड़ा स्त्रोत नहीं दिख रहा है। वे पश्चिमी फंड की तरफ जा रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि “कोई भी जो सीरिया में मानवीय सहयता और पुनर्निर्माण सहायता मुहैया करने का प्रस्ताव देता है तो उसकी यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि उनका फंड सबसे अधिक जरुरतमंदो के पास ही पंहुचे। वह किसी दबाव में नहीं होंगे और न ही वे सरकारी अधिकारीयों या सहयोगियों के बैंक का विस्तार नहीं कर रहे हैं।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *