तुर्की की सेना ने उत्तरी पूर्वी सीरिया के कुर्द चरमपंथियो के इलाके में दुसरे दिन भी हमले को जारी रखा था। इस हमले के कारण हजारो लोग भागने को मजबूर हुए हैं और दर्जनों लोगो की हत्या कर दी गयी है। इस अभियान को सीरियन डेमोक्रेटिक फाॅर्स के खिलाफ अंजाम दिया गया था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से सैनिको की वापसी का ऐलान किया था और इससे कुछ समय उपरान्त ही उनकी तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयाब एर्दोगन से फ़ोन पर बातचीत हुई थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरूवार को ट्वीट कर लिखा कि “हमें तीन विकल्पों में से एक को चुनना है, वहां सैकड़ो सैनिको को भेज दे, तुर्की की वित्तीय और प्रतिबंधो से कमर तोड़ दे या तुर्की और कुर्द के बीच समझौते के लिए मध्यस्थता करे।”
ट्रम्प ने कहा कि “मुझे उम्मीद है कि हम मध्यस्थता कर सकते हैं।” ट्रम्प ने कहा कि “अमेरिका इस मामले से बेहद सकहत तरीके से निपटने जा रहा है, प्रतिबन्ध और वित्तीय संबंधो में ठोस कदम उठाये जायेंगे।”
अमेरिकी सेना की सीरिया में इस्लामिक स्टेट से साल 2014 से जंग में मुख्य सहयोगी एसडीएफ है। उन्होंने हजारो इस्लामिक स्टेट ले लडाको को कैद में रखा है और उनके हजारो संबंधियों को नजरबन्द करके रखा हुआ है। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस्लामिक स्टेट के कैदियों को जेलों में एसडीएफ नियंत्रण करती है।
अमेरिकी सांसदों और मीडिया ने कहा कि “तुर्की की सेना को सीरिया में कूच करने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने एर्दोगन को हरी झंडी दिखाई थी लेकिन इस पर अधिकारियो में मतभेद है। उन्होंने कहा कि “हमें उन्हें स्पष्ट इनकार किया था, मैं इन गैर रजामंदी में भागीदार हूँ और मैं जनता हूँ राष्ट्रपति ने यह रविवार को किया था।”
तुर्की के रक्षा मंत्रलय ने कहा कि “इस आक्रमकता में 228 चरमपंथियों की अब तक मौत हो चुकी है।” कुर्द ने कहा कि वह इस आक्रमकता का विरोध कर रहे हैं। एसडीएफ के 23 लडाको की मौत हो गयी है और तुर्की समर्थित सीरियन विद्रोही समूह के छ लडाको की मौत हो गयी है।
एसडीएफ ने कहा कि “तुर्की के हवाई हमले और गोलीबारी में नौ नागरिको की मौत हो गयी है।” अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति ने कहा कि सीरिया से 64000 लोग अभियान की शुरुआत के बाद भाग गए हैं। रस अल अन और दर्बसिया शहर रेगिस्तान में तब्दील हो गए हैं।
गुरूवार को तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी आकार ने फ़ोन पर फ्रांस, ब्रितानी और अमेरिकी समकक्षियो से बातचीत की थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “अकार और अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने रक्षा और सुरक्षा के मामले पर चर्चा की थी और अकार ने उन्हें इन बहियाँ की प्रगति और मकसद के बाबत बताया था।”
डोनाल्ड ट्रम्प की आलोचना उनकी रिपब्लिक पार्टी के सांसद ही कर रहे हैं। ट्रम्प ने तुर्की के अभियान को एक बेकार विचार बताया था और कहा वह इसका प्रचार नहीं करेंगे। सांसदों ने तुर्की के खिलाफ प्रतिबंधो को लागू करने की मांग की थी।
तुर्की के विदेश मन्त्री मेव्लुट कावुसोग्हू ने कहा कि “अगर इस प्रकार की हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई की गयी तो हम इसी तरीके से प्रातिकार और जवाब देंगे। इन प्रतिबंधो से कुछ हासिल नहीं होगा।”
अमेरिका ने सीरियन डेमोक्रेट्स फाॅर्स को बगैर अमेरिकी सहयोग के अकेले छोड़ दिया था। अमेरिकी सेना की वापसी का स्पष्टीकरण देते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना की दखलंदाजी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि “देश ने लड़ने और नीतियों में आठ ट्रिलियन डॉलर खर्च किये हैं और इन वर्षो में हज़ारो सैनिको को गंवाया है।”
उन्होंने कहा कि “अगर तुर्की असंगत, अमानवीय और सीमा को लांघने की कोशिश करता है तो अमेरिका उन पर सार्थक प्रतिबंधो को थोपेगा। संजातीय नरसंहार और नागरिको पर किसी भी तरीके से गोलीबारी नहीं की जानी चाहिए।”
फ्रांस केविदेश मन्त्री जीन यवेस ली ड्रायान ने 30 से अधिक देशो के गठबंधन की तत्काल बैठक की मांग की है। गठबंधन को यह कहने की जरुरत है कि क्या हो रहा है, तुर्की इस कार्रवाई को जारी रखना चाहता है और हम उन स्थानों की सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित करेंगे जहां लडाको को रखा गया है। सब कुछ स्पष्ट होना चाहिए।”
कुर्दिश सेना ने कहा कि “उन्होंने कैद में 60 राष्ट्रीयता के सबसे खतरनाक अपराधियों को रखा है और तुर्की का इन कैदखानो पर हमले तबाही मचा सकते हैं।” तुर्की की सरजमीं पर अभी 36 लाख सीरियन नागरिक है जो युद्ध के दौरान भागे थे।