Thu. Dec 19th, 2024
    ईरान, तुर्की और रूस

    तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चप तैयब एदोगन ने जंग से जूझ रहे देश सीरिया पर चर्चा के लिए ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी करेंगे। हाल ही में सीरिया की सरकारी सेना ने इदलिब में एक आक्रमक कार्रवाई की शुरुआत की थी।

    सीरिया में शान्ति के बाबत होगी बातचीत

    सीरिया में साल 2011 से विद्रोही समूह राष्ट्रपति बशर अल असद का तख्तापलट करने की कोशिशो में जुटे हुए हैं। यह वार्ता असताना प्रक्रिया का भाग होगी जिसका मकसद सीरिया के मामले पर एक राजनीतिक समाधान को ढूंढना होगा। सीरिया की सरकार का समर्थन रूस कर रहा है जो विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य सहयोग मुहैया करता है।

    आक्रमक रवैये में ईरान और रूस सीरिया की सरकार का समर्थन करते हैं जबकि तुर्की प्रवासियों की संख्या में निरंतर वृद्धि से चिंतित है। इन शर्णार्थियो की संख्या 35 लाख है और यह राज्य को अस्थिर कर रहे हैं। तीनो पक्षों के बीच पिछले समझौते के तहत तुर्की को इद्लिब में निगानी चौकियो की स्थापना करनी थी। सरकार की आक्रमक कार्रवाई के कारण सरकारी सेनाओं और तुर्की की सेना के बीच तनाव बढ़ गया था।

    विद्रोहियों का आखिरी गढ़ इद्लिब है और सरकार इस इलाके को किसी भी कीमत पर वापस लेना चाहती है। तुर्की की सबसे बड़ी चिंता अपने देश में शरणार्थियों के बहाव को रोकना है। रूस और तुर्की के बीच समझौते के तहत इस इलाके में सरकार की आक्रमकता को रोका जाएगा और बदले में इस इलाके से विदोहियो को तीव्रता से हटाया जायेगा। हालाँकि इस वादे पर अमल कभी नहीं किया गया था।

    रूस और तुर्की के बीच सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध है जो रूस के लिए इस क्षेत्र से अमेरिकी प्रभाव को दूर रखने के लिए रणनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में विद्रोहियों से हथियार छिनने में तुर्की समकक्षी की असफलता के कारण ईरान और रूस काफी चिंतित थे।

    सीरिया में शान्ति के लिए राजनीतिक समाधान को तलाशना था जिसके लिए वार्ता शुरू की गयी थी। सीरिया में समझौते के गारंटर ईरान, तुर्की और रूस थे। सीरिया में साल 2011 से संघर्षविराम का दौर जारी है।

    सीरिया के आठ साल के संघर्ष को संयुक्त राष्ट्र ने सबसे बुरे दौर के तौर पर वर्णित किया था। इदलिब क्षेत्र लगभग तीस लाख लोगों का निवास है। इदलिब प्रांत और अलेप्पो और लताकिया प्रांतों के कुछ हिस्सों में अल-कायदा से सम्बंधित  जिहादी समूह हयात ताहिर अल-शाम का नियंत्रण है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *