तुर्की ने बुधवार को सीरिया की सीमा पर सैन्य अभियान को शुरू किया था। तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि “राष्ट्र के सैनिको ने उत्तरी सीरिया में अपनी बढ़त बनाकर राखी है और ऑपरेशन पीस स्प्रिंग की शुरुआत की है ताकि पीकेके/वाईपीजी समूहों का उत्तरी सीरिया से सफाया किया जा सके।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया में तुर्की में आक्रमक का विचार बुरा था और इसका वांशिगटन समर्थन नहीं करता है। उन्होंने अंकारा से धार्मिक अल्पसंख्यको की रक्षा की मांग की है। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक अह्दिकारिक बयान में ट्रम्प ने कहा कि “अमेरिका इस हमले का समर्थन नहीं करता है और तुर्की को स्पष्ट कर दिया है कि अभियान एक बुरा विचार है।”
उन्होंने कहा कि “तुर्की ने नागरिको, धार्मिक अल्पसंख्यको की रक्षा की प्रतिबद्धता की है इसमें ईसाई शामिल है और सुनिश्चित किया कि कोई मानवीय संकट उत्पन्न नही होगा और हम इस प्रतिबद्धता पर उन्हें कायम रखेंगे।”
संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुएटरेस ने कहा कि कोई भी सैन्य अभियान यूएन के नियमो और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय अधिकारों के कानून के अनुरूप होगा। गुएटरेस के प्रवक्ता फरहान हक़ ने कहा कि “नागरिको और नागरिक ढांचों का संरक्षण किया जाना चहिये। महासचिव को यकीन है कि सीरियन संघर्ष के लिए कोई सैन्य समाधान नहीं है।”
ईयू के प्रमुख जीन क्लॉउड़े जुनकर ने ने तुर्की से उसके सैन्य अभियान को तत्काल रोकने की मांग की है। अंकारा को कहा कि ईयू कथित अमेरिकी प्रस्तावित सेफ जोन के लिए वित्तीय सहायता मुहैया नहीं करेगा।
नाटो के प्रमुख जेन्स स्तोल्तेंबेर्ग ने तुर्की से अधिकतम संयमता बरतने का आग्रह किया है और अंकारा के वैध सुरक्षा चिंताओं को भी समझा है। इटली में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई को अनदेखा करना चाहिए जो इस इलाके को अस्थिर करे, तनाव को बढाए और और मानव समस्याओं को उत्पन्न करे।
मिस्र के विदेश मन्त्री ने तुर्की के आक्रमक अभियान की आलोचना की है और इसे अरब राज्य की संप्रभुता के लिए अस्वीकार्य हमला करार दिया है। साथ ही परिषद् की तत्काल कांफ्रेंस बुलाने की मांग की है।
सऊदी अरब ने कहा कि “यह अभियान विवादित क्षेत्र की सुरक्षा को नजरअंदाज का रहा है और साथ ही आईएसआईएल के खिलाफ जंग को अनदेखा कर रहा है। तुर्की की सेना की आक्रमकता इस क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी।”
#KSA expressed its concern over this aggression as a threat to regional peace and security, stressing the need to ensure the safety of the brotherly Syrian people, and the stability, sovereignty and territorial integrity of Syria.
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) October 9, 2019
Turkey’s military incursion into Syria is a grave escalation; will cause untold humanitarian suffering, empower terrorist groups. The world must unite to avert a catastrophe, promote political resolution to the rights of all Syrians, including Kurds, to peace, dignity & security
— Barham Salih (@BarhamSalih) October 9, 2019
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के सीरिया में आकारमान से पूर्व तुर्की के राष्ट्रपति से किसी भी कार्रवाई से पहले ध्यानपूर्वक सोचने का आग्रह किया है। पुतिन ने तुर्की के साझेदारो से स्थिति के बाबत सोचने का आग्रह किया है और सीरियन संकट के समाधान के प्रयासों को प्रभावित न करने का अनुरोध किया है।”
ब्रिटेन के विदेश सचिव डोमिनिक राब ने बयान में कहा कि “उन्हें तुर्की की एकतरफा सैन्य कार्रवाई के बारे में गंभीर चिंताए हैं। तुर्की का नया कदम इस इलाके में अस्थिता के जोखिम को पैदा कर देगा और मानवीय संकट उत्पन्न होगा और यह डैश के खिलाफ मिली प्रगति को नजरअंदाज करना होगा।”
जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मॉस ने कहा कि “यह अभियान इस इलाके को अस्थिर कर देगा।” उन्होंने अंकारा से आक्रमण को खत्म करने का आग्रह किया है।
फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस परली ने तुर्की से इस आक्रमक अभियान को रोकने की मांग की है और इसे खतरनाक करार दिया है। उन्होंने कहा कि “यह कुर्द्स की सुरक्षा के लियेखात्र है। यह खतरनाक है क्योंकि यह इस्लामिक स्टेट को फायदा पहुचायेगा जिसके साथ विगत पांच वर्षो से जंग लड़ रहे हैं।”