सीरिया में दशकों से अमेरिका और रूस के मध्य संघर्ष जारी है। सीरिया में अमेरिकी सरकार कुर्दिश विद्रोहियों का समर्थन करती है और राष्ट्रपति असद को सत्ता से बेदखल करने की मांग करती है, वही रूस की सरकार कुर्दिश विद्रोहियों के खिलाफ असद सरकार का सहयोग करती है।
2000 सैनिकों की अमेरिका वापसी का आदेश
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से सेना को वापस आने के आदेश दिए है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस जंगी सरजमीं पर हमने आईएसआईएस को खदेड़ दिया है। अधिकारीयों के मुताबिक अमेरिकी सेना इस आदेश का जल्द पालन कर रही है।
After historic victories against ISIS, it’s time to bring our great young people home! pic.twitter.com/xoNjFzQFTp
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 19, 2018
डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीटर के जरिये जनता को पैगाम दिया कि हैं सीरिया में आईएसआईएस को शिकस्त दे दी है, मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान सेना की वहां तैनाती का यही कारण था। प्रशासन का पिछले सप्ताह आईएसआईएस को मात देने पर संशय था और अमेरिका का इस जंग में सहयोग जारी रखने की सलाह दी थी।
We have defeated ISIS in Syria, my only reason for being there during the Trump Presidency.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 19, 2018
सीरियाई गठबंधन की राय
आईएसआईएस को मात देने वाले वैश्विक गठबंधन के राजदूत ब्रेट म्क्गुर्क ने कहा कि इतने सालों में हम एक बात आचे से सीख चुके हैं, आप आईएसआईएस जैसे समूहों के स्थल को बर्बाद करके उनकी सरजमीं को नहीं छोड़ सकते हो। उन्होंने कहा कि आपको आंतरिक सुरक्षा बलों को सुनिश्चित करना होगा कि उनकी जड़ खत्म हुई या नहीं, इसके लिए थोड़ा वक्त लगता है।
पेंटागन ने इस सूचना की सार्वजनिक पुष्टि नहीं की है और कहा कि हम अपने क्षेत्रीय सहयोगियों के माध्य और उनके साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। 6 दिसम्बर को रक्षा सचिव जिम मैटिस ने कहा था कि अभी इस मसले पर काफी कार्य करना शेष है।
चीन और रूस के कारण पलायन ?
रक्षा अधिकारियों ने कहा कि सीरिया से अमेरिका का पलायन रूस और ईरान के प्रभुत्व के कारण हो रहा है, जबकि ट्रम्प प्रशासन वैश्विक स्तर पर ईरान के प्रभुत्व का अंत करने के लिए काम कर रहा है। अमेरिका का पलायन तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चप तैय्यप एर्दोगन की जीत को दर्शाता है, जो एक लम्बे अंतराल से अमेरिका पर सिरिया से अपनी सेना को वापस बुलाने के लिए दबाव बना रहा था।
रायटर्स के मुताबिक अमेरिकी राज्य विभाग ने मंगलवार को संकेत दिया था कि वह अमेरिकी मिसाइल को तुर्की को बेचने का समर्थन करेगी, ताकि तुर्की रूस की रक्षा प्रणाली खरीदने का निर्णय न कर ले।