मोहम्मद शफी खान मंगलवार को पुछ के बालाकोट अपने घर लौट रहे थे तभी दोनों देशों (भारत-पाक) की ओर से गोलीबारी जारी थी। उन्हें घर के बाहर झटका लगा और वे बेहोश होकर गिर पड़े। उनका परिवार उनके लिए चिंतित था, लेकिन सब चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते थे। दो घंटे के बाद जब वे अपने परिवार को मिले तब भी उन्हें अस्पताल ले जाना संभव नहीं था।
बालाकोट के एक स्थानीय निवासी खलील अहमद ने बताया कि,”अस्पताल जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है, वहां गाड़ी चलाना संभव नहीं है। अन्य वैकल्पिक सड़क पर सेना और सुरक्षा बलों का नाकेबंदी है तो वहां से भी जाना मुश्किल था।” उन्होंने यह भी कहा कि “इलाके में लगातार हो रही गोलीबारी के कारण दवाइयां व उपचार सही समय पर नहीं मिल पा रहा है। बुधवार की सुबह खान को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे जम्मू अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी। उसकी हालत नाजुक है।”
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हमला होने के बाद से बार्डर पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। पाकिस्तान उसके बाद से लगभग 8 बार सीज फायर का उल्लंघन कर चुका है।
सीमा के आस पास रहे लोगों के मुताबिक मंगलावार के बाद से हालात बेहद विषम हैं। बुधवार को पाक के 20 विमानों ने एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) पार किया था।
सूत्रों के मुताबिक दोनों की मुल्कों से लगातार क्रॉस फायरिंग हो रही है। साल 2018 में 1,432 मामले हुए है जब सीज फायर का उल्लंघन हुआ। इसमें सुरक्षा बलों के साथ-साथ 60 लोगों की जान गई।
बालाकोट के निवासी नासिर खान ने कहा,”कम से कम दो हफ्तों के लिए हमने एक स्कूल में डेरा डाला जो सीमा से कुछ दूरी पर है। हमने अपने घरों और पशुओं को पीछे छोड़ दिया है।”
ऐसी स्थिति में भी प्रशासन व सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिल रही है और लोगों को अपना घर खाली करके जाना पड़ रहा है। अहमद ने कहा कि,”लोगों ने अपने बच्चों को करीबियों के घर भेज दिया है और खुद यहां अपने जान-माल, मवेशियों की रक्षा के लिए रुके हुए हैं। इस स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का ही हो रहा है। मार्च में उनकी परीक्षाएं हैं और वे न पढ़ने को मजबूर हैं।”
लाम गांव के तजविंदर सिंह ने कहा कि, सीमा पर इस बार युद्ध जैसी स्थिति है। हमें आत्मरक्षा के लिए यहां से भागना ही होगा।
पुछ के डिविजनल कमिश्नर राहुल यादव ने बताया कि,”लोगों की रक्षा के लिए जरुरी कार्य किए जा रहे हैं। आवश्यकता पड़ी तो बच्चों की परीक्षाएं स्थगित कर दी जाएगी। अभी परिस्थिति का जायजा लिया जा रहा है।”