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    रंगीला राजा

    सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन(सीबीएफसी) के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी की फिल्म “रंगीला राजा” को काफी दिनों से सीबीएफसी की मार सहनी पड़ रही है। उन्होंने हाल ही में इस फिल्म में 20 कट लगाने की मांग की है।

    इस मांग को सुनकर फिल्म के निर्देशक पहलाज निहलानी आँख बबूला हो गए और इस बोर्ड की निष्पक्षता पर सवाल उठाने लगे। उन्होंने ये भी कहा कि जानबूछ के उनकी फिल्म के साथ ऐसा किया जा रहा है।

    बुधवार को कोर्ट में, अपना पक्ष पेश करते हुए बोर्ड ने कहा कि इस ज़माने में जब हम औरतों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर कड़ा एक्शन ले रहे है, सीबीएफसी की जाँच कमिटी ने बहुत जिम्मेदारी के साथ फिल्म में बदलाव करने के लिए कहा है। ये बयां बोर्ड की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में फाइल किये एफिडेविट में था।

    आगे लिखा है कि “रंगीला राजा” एक ऐसा हीरो है जिसे अपने किये का कोई पछतापा नहीं है। अपने सेंसुअल प्लेज़र के लिए वे औरतों के साथ रेप करता है, औरतों को सामान समझता है और उनके साथ जबरदस्ती करता है। सिर्फ औरतों के साथ ऐसा कुकर्म ही नहीं बल्कि इस फिल्म में ऐसे भी सीन हैं जिनमे आदमी, औरतों के बारे में अश्लील तरीके से बात करते हैं।

    जिस डायलाग पे कट लगाया गया है उनमे से एक है ‘कड़क घेवर’ जो साहसिक लड़की के लिए इस्तेमाल किया गया है। और दूसरा है ‘स्वादिष्ट खाना’ जो हीरो एक लड़की का रेप करने के बाद कहता है।

    बोर्ड ने ये भी कहा है कि फिल्म की कहानी जिसमे हीरो औरतों के प्रति द्वेष रखता है, उसे हर वक़्त बहुत महान दिखाया गया हैं। मगर फिल्म के अंत में हीरो को उसके किये की सजा मिलती है, और फिर वो वापस औरतों पे अत्याचार जारी रखता है।

    जिसके बाद हीरो कहता है -‘ये राजा रंगीला था , रंगीला है और रंगीला ही रहेगा।’

    बोर्ड ने ये भी कहा कि ये फिल्म बच्चो के सामने एक गलत उदाहरण पेश करेगी।

    इस महीने की शुरुआत में सीबीएफसी ने इस फिल्म में 20 कट लगाए थे। इस फिल्म के मुख्य किरदार गोविंदा और शक्ति कपूर हैं। कट लगने के बाद निहलानी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें ये सीन समझाने का मौका नहीं मिला।

    इस याचिका पे बात करते हुए, जस्टिस बीपी धर्माधिकारी और सारंग कोतवाल ने बुधवार को कहा कि सीबीएफसी, फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल के साथ सहयोग कर निहलानी की अपील को ध्यान में रखते हुए एडजस्ट करे।

    वैसे हम आपको बता दें कि ये वही पहलाज निहलानी है जिन्होंने 2015-2017 के अपने कार्यकाल में कई फिल्म मेकर्स को ऐसी अपनी ऊँगली पे नचवाया था।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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