Tue. Dec 24th, 2024

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को हैदराबाद के एक व्यवसायी सतीश सना बाबू की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। बाबू ने उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई बंद करने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की थी। ईडी ने कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष अपना जवाब सौंपा।

    एजेंसी ने अपने जवाब में कहा कि “सना मुख्य आरोपी (मोइन कुरैशी) को किए गए 1.5 करोड़ रुपये के भुगतान को प्रमाणिक व्यापारिक खर्च के रूप में साबित नहीं कर सका, इसलिए उसे हिरासत में लेकर उससे पूछताछ जरूरी है।”

    ईडी ने कहा, “याचिकाकर्ता को धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था और इसमें संविधान के नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।”

    बिना किसी नए तथ्य के सना को समन जारी किए जाने के उनके दावों को खारिज करते हुए ईडी ने कहा, “कोई नया तथ्य सामने नहीं आने की बात स्वीकार करने के बावजूद आगे की जांच के लिए किसी व्यक्ति को स्पष्टीकरण देने या तथ्यों की पुष्टि करने के लिए समन भेजने पर कोई रोक नहीं है। यह बताया जा चुका है कि याचिकाकर्ता ने कहा है कि बिना किसी नए तथ्य के उन्हें दो बार समन भेजा जा चुका है। हालांकि ऐसा कहना गलत है, क्योंकि याचिकाकर्ता और मोइन कुरैशी के बीच वित्तीय लेनदेन की जांच अभी भी चल रही है।”

    ईडी ने यह भी कहा कि अपराध में उपयोग की जाने वाली इन राशियों के स्रोत की जांच अभी भी चल रही है और लेनदेन के स्वरूप और बाद में उसके उपयोग आदि की जांच की जा रही है। इसलिए अपराध के पूरे घटनाक्रम का पता लगाया जा सकता है।

    ईडी ने पूरी याचिका को कानून की गलत व्याख्या करार दिया, जिसमें कुछ भी तार्किक नहीं है।

    एजेंसी ने दावा किया कि अगर जांच के दौरान नए तथ्य आते हैं तो गवाह को आरोपी बनाना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। सिर्फ इसलिए कि एक व्यक्ति को पहले गवाह बताया जा चुका है, कार्यवाही के दौरान उसे निर्दोष नहीं ठहराया जा सकता।

    सना ने खुद को धनशोधन मामले में बरी करने के लिए अपने वकीलों- वासे खान और शेख बख्तियार के माध्यम से हाईकोर्ट के दरवाजे खटखटाए। मामले में सना और गोश्त निर्यातक मोइन कुरैशी आरोपी हैं।

    सना ने ईडी द्वारा धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के अंतर्गत उसके खिलाफ 18 और 25 जुलाई को जारी किए गए समन भी खारिज करने की मांग की। सना ने उन समनों को अवैध बताया और उन्हें भारतीय सबूत अधिनियम और संविधान का उल्लंघन करने वाला बताया।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *