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चंदा कोचर

सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारीयों ने बताया की आईसीआईसीआई बैंक केस के जांच अधिकारी का खोज की जानकारी लीक करने के मामले में उनका स्थानान्तरण कर दिया गया है।

कौन है जांच अधिकारी और क्यों हुआ स्थानान्तरण ?

आईसीआईसीआई बैंक केस मामले के जांच अधिकारी एसपी सुधांशु धर मिश्रा हैं। पूर्व आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक और वीडियोकॉन समूह के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ 22 जनवरी को मामले में एफआईआर दर्ज करने के एक दिन बाद ही उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया था। उन पर इलज़ाम था की जाँच में जो खुलासे हो रहे हैं वे उन्हें दोषी पक्ष से साझा कर रहे हैं।

सीबीआई ने दिया यह बयान :

सीबीआई ने स्थानान्तरण को सही बताते हुए एसपी पर यह इल्जाम लगाया की उनके द्वारा बिना किसी कारण के प्रारम्भिक जांच को लंबित रखा गया था।

ऐसा होने पर संस्था को शक हुआ था जिसके चलते के शुरू होते ही एक अंतर्मुखी जांच का प्रस्ताव रखा गया था। इस जांच का लक्ष्य संदिग्ध को ढूंढ निकालना था। ऐसे में खबर मिली थी की जांच की जानकारी किसीके द्वारा साझा की जा रही है।

इसके चलते एक आंतरिक और विवेकपूर्ण जांच की गयी जिसके चलते सुधांशु धर मिश्रा का नाम सामने आया। ऐसे में उनका तबादला कर दिया गया है एवं इस मामले में विस्तृत जांच करनी बाकी रह गयी है।

क्या है आईसीआईसीआई बैंक मामला ?

सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि ऐसा आरोप है कि 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपए का ऋण मिलने के कुछ महीनों बाद वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर में करोड़ों रुपए निवेश किए। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने धूत, दीपक कोचर और अज्ञात अन्य के खिलाफ पिछले साल मार्च में एक प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी।

आईसीआईसीआई के अनुसार ये व्यक्ति उस मंजूरी समिति का हिस्सा थे जिसने 1,575 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी। ऍफ़आईआर के अनुसार, जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंकद्वारा छह “उच्च मूल्य वाले ऋण” का वितरण किया गया था।

By विकास सिंह

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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