समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीबीआई की कारवाई के बाद भले ही उसपर केंद्र सरकार का पालतू होने का इलज़ाम लग रहा हो लेकिन सीबीआई ने ये दावा किया है मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव ने एक ही दिन में 13 खनन पट्टों को मंजूरी दी थी।
मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव ने कुछ समय तक खनन विभाग भी संभाला था इसलिए खनन घोटालों की आंच अखिलेश यादव तक पहुंची है। सीबीआई ने कहा है अपने कार्यकाल में अखिलेश यादव ने कुल 14 पट्टों को लाइसेंस जारी किया था जिसमे 13 पत्तों को एक ही दिन लाइसेंस जारी कर दिया गया और ई- टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन कर के ये लाइसेंस जारी किये थे।
सीबीआई ने कहा है कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए हमीरपुर की जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने खनन पट्टे जारी किये थे और ये पट्टे तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंजूरी के बाद जारी किये गए थे और उस वक़्त अखिलेश यादव के अधीन ही खनन विभाग था।
सीबीआई के अनुसार जिस खनन निति का उल्लंघन किया गया था उस निति की मंजूरी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 29 जनवरी 2013 को दी गई थी।
सीबीआई के छापे के बाद समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन को रोकने के लिए राजनीति से प्रेरित कदम बताया था। अखिलेश यादव ने कहा अगर सीबीआई चाहे तो ये भी पूछ सकती है कि हमने कितने कितने सीटों पर गठबंधन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का असली रंग सीबीआई के सामने आ रहा है।
मायावती ने भी खुल कर अखिलेश यादव का बचाव करते हुए कहा था कि उन्हें भाजपा से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें सर उठा कर भाजपा की ऐसी साजिश का सामना करना चाहिए। उन्होंने ये भी याद दिलाया कि किस तरह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के वक़्त उन्हें (मायावती) ताज कॉरिडोर मामले में फंसाया गया था।
सपा और बसपा के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा 15 जनवरी को होने की उम्मीद है।