पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि “पाकिस्तान की सेना एक और विशेष बल की तैनाती की योजना बना रही है जो चीनी नागरिकों और सीपीईसी के तहत परियोजनाओं की रक्षा करेगी।” बीते हफ्ते बलूचिस्तान में स्थित आलिशान होटल में हमला किया गया था।
उन्होंने 60 अरब की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना को पाकिस्तान और चीन की दोस्ती का उदाहरण करार दिया। इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर जनरल मेजर आसिफ जनरल गफूर ने बताया कि इस परियोजना की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सेना दृढ संकल्पित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेशल सिक्योरिटी डिवीज़न में 9000 पाकिस्तानी सेना के सैनिक और 6000 पैरामिलिट्री के सैनिक होंगे जो सीपीईसी की परियोजनाओं और इस पर कार्यरत चीनी नागरिकों को रक्षा मुहैया करेगी। 11 मई को ग्वादर में स्थित रिहाइशी होटल में घातक हमले ने पाकिस्तान में चीनी परियोजना की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है।
पाकिस्तान के विद्रोही बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी की सैन्य इकाई मजीद ब्रिगेड ने रविवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान से बलूचिस्तान में जारी परियोजनाओं को तत्काल छोड़ देने की धमकी दी गयी थी।
बीएलए के कमांडर ने वीडियो में कहा कि “राष्ट्रपति शी जिनपिंग आपके समक्ष बलूचिस्तान से वापसी का अभी वक्त है। नहीं तो आप बलूचिस्तान के बेटो और बेटियों के तरफ से भयावह प्रतिकार का गवाह बनने के लिए तत्पर रहिये, जिसे आप कभी नहीं भूल सकेंगे।”