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    सीपीईसी पाकिस्तान चीन

    चीन नें साल 2013 में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे यानी सीपीईसी की घोषणा की थी। तब से आज तक चीन नें पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश कर दिया है। इस दौरान चीन नें रोड, रेल, बंदरगाह आदि का बड़ी मात्रा में निर्माण किया है।

    अब इस योजना के जरिये पाकिस्तान अपनी सालों पुराने रेल सिस्टम को भी बदलने जा रहा है।

    पाकिस्तान के एक बिजनेसमैन फार्रुख मलिक का कहना है कि पाकिस्तान के कराची से राजधानी इस्लामाबाद तक पहुंचनें में उन्हें 22 घंटे लगते हैं। और यह हालत तो तेज गति से चलने वाली रेलों की है। उनका कहना है कि वे बचपन से इस रेल में सफ़र कर रहे हैं और इसमें कोई सुधार नहीं है।

    अब हालाँकि बीजिंग इसमें पूरी तरह से बदलाव करने जा रहा है। चीन पाकिस्तान के कराची से पेशावर तक 1163 मील लम्बी एक रेल सिस्टम बनाने जा रहा है, जिसमें करीबन 8 अरब डॉलर का खर्चा आएगा।

    यह योजना सीपीईसी योजना का हिस्सा है, जिसमें चीन नें पाकिस्तान में करीबन 60 अरब डॉलर का निवेश किया है।

    दरअसल इस रेल योजना पर विचार पिछले काफी समय से चल रहा है, लेकिन पाकिस्तान के भीतरी कारणों की वजह से इसपर काम शुरू नहीं हो पाया था। अब हालाँकि पाकिस्तान के आन्तरिक मंत्री अहसान इकबाल का कहना है कि इसपर काम जल्दी ही शुरू हो जाएगा।

    पिछले काफी समय में पाकिस्तान का रेल नेटवर्क भ्रष्टाचार, देरी आदि का शिकार रहा है। अब हालाँकि पाकिस्तान चीन की मदद से अपने रेलवे में खर्च होनें वाले पैसे को दोगुना करने वाला है। अब पाकिस्तान हर साल रेलवे पर 40 अरब रूपए खर्चा करेगा।

    पाकिस्तानी मंत्री इकबाल नें कहा, “यह हमारे लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। यह हमारे पुरे रेलवे के नवीनतम के लिए है।”

    चीन मुख्य रूप से पाकिस्तान के बड़े शहरों में निवेश कर रहा है। पाकिस्तान के लाहौर में एक 1.6 अरब डॉलर की लागत से मेट्रो लाइन बन रही है, जो इस साल के अंत तक शुरू हो जायेगी।

    इस तरह से तेजी से निर्माण होनें से रोजगार के अवसर भी पाकिस्तान में बढ़ रहे हैं। 40 साल के राणा इफ्तिखार पिछले 15 सालों से रेलों में खाने पीने का सामान बेच रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले कुछ सालों में उनकी कमाई 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ गयी है।

    लोगों का मानना है कि ग्रीन लाइन नामक रेल नेटवर्क नें पुरे देश की कायापलट कर दी है।

    पांच साल पहले कराची से लाहौर जाने में चार दिन का समय लगता था, जो अब कम होकर सिर्फ एक दिन हो गया है।

    अहमद ने बताया, ‘पहले चीजें इतनी पिछड़ी हुई थी, लेकिन अब हम समय पर हर जगह पहुँच रहे हैं। अब ज्यादा लोग रेलों में सफ़र कर रहे हैं, जिससे हमारे कमाई भी बढ़ रही है।’

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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