Sun. Aug 10th, 2025
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंगचीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट और रोड इनिशिएटिव के कारण कई देशों पर कर्ज का भार बढ़ा है। चीन इस परियोजना के विस्तार की योजना बनाने की तैयारी कर रहा है। चीन ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि चीन-पाक आर्थिक गलियारे के अंतगर्त अन्य परियोजनाओं का निर्माण करेगा।

पाकिस्तान चीन के कर्ज तले दबा हुआ है ऐसे में चीन के विचार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बुरा सपना साबित हो सकता है। आर्थिक किल्लत झेल रहे पाकिस्तान ने बैलआउट पैकेज के के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से गुहार लगाई है

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि 60 बिलियन डॉलर की सीपीईसी के अंतगर्त अन्य परियोजना का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने कहा सीपीईसी की वजह से कर्ज का बोझ कम है। प्रवक्ता ने कहा कि चीन और पाकिस्तान हर क्षेत्र में रणनीतिक साझेदार रहे हैं। गत वर्ष हमारे द्विपक्षीय सम्बन्ध नया आयाम मुक्कमल किया है।

दोनों राष्ट्रों के मध्य उच्च स्तरीय यात्रा के बाबत प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीद है जल्द ही दोनों मुल्कों के मध्य आलाकमान की बैठके होंगी। सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के वजीर-ए-आज़म इमरान खान 3 नवंबर को चीन की यात्रा पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अन्य आला नेताओं से मुलाकात करेंगे।

इमरान खान की सरकार के सत्तासीन होने के बाद चीन ने पाक के बलूचिस्तान प्रान्त में सीपीईसी की समयसीमा को बढ़ाने की अनुमति दे दी है। बलूचिस्तान में नागरिक पंजाब सरकार पर चीनी निवेश को डकारने के आरोप लगा रहे हैं।

पाकिस्तान के आईएमएफ के दरवाजे पर बैलआउट पैकेज के लिए जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि चीन सिर्फ आईएमएफ से सीपीईसी परियोजना के कर्ज का स्वतंत्र और निष्पक्ष विश्लेषण चाहता है। उन्होंने कहा आईएमएफ के हस्तक्षेप से चीन और पाकिस्तान के रिश्तों पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा।

पाकिस्तानी वित्त मंत्री के मुताबिक आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल 7 नवंबर को इस कार्यक्रम के लिए इस्लामाबाद आएंगे। पाकिस्तान का वित्त वर्ष कर्ज 9 बिलियन डॉलर है। पाकिस्तान ने हाल ही में सीपीईसी रेल परियोजना में से 2 बिलियन डॉलर की कटौती की थी।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *