चीन और पाकिस्तान लम्बे समय से एक दुसरे के गहरे साथी रहे हैं। चीन नें अपनी महत्वकांशी योजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर (सीपीईसी) में पाकिस्तान को काफी पहले शामिल कर लिया था। इसके बाद दोनों देशों में रिश्ते और भी मजबूर हो गए हैं।
हाल ही में हालाँकि सीपीईसी को लेकर दोनों देशों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। पिछले साल चीनी श्रमिकों और पाकिस्तान अधिकारीयों के बीच झड़प हो गयी थी, जिसके बाद निर्माण कार्य को रोकना पड़ा था। इसके बाद कुछ पाकिस्तानी अधिकारीयों नें चीन की कई शर्तों को मानने से इंकार कर दिया था।
अब हालाँकि इमरान खान के नेत्र्तव में पाकिस्तानी सरकार सीपीईसी को एक नए नजरिये से देख रही है। इमरान खान नें अपने बयान में कहा था कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इस योजना से दोनों देशों को समान फायदा हो।
इसी सन्दर्भ में हाल ही में एक खबर आई थी, कि इमरान खान नें कहा है कि वे कई मुद्दों पर चीन से फिर से बातचीत करना चाहते हैं और सीपीईसी में कई बदलाव करना चाहते हैं।
इमरान खान नें इन बातों का खंडन किया है। खान नें कहा है कि यह योजना पाकिस्तान के लिए बहुत जरूरी है और वे हर हालत में इसे लागू करने की जुत में लगे हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी नें पाकिस्तान का दौरा किया था और दोनों देशों नें सीपीईसी समेत कई मुद्दों पर बातचीत की थी। (सम्बंधित खबर: चीन पाकिस्तान मिलकर करेंगे सीपीईसी का विस्तार)
इस दौरान वांग यी नें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आसिफ अल्वी से मुलाकात की थी।
वांग यी नें इस दौरान अपने बयान में कहा कि उनके आने का मुख्य मकसद पाकिस्तान की नयी बनी सरकार से मुलाकात करना था और यह सुनिश्चित करना था कि दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले की तरह सुगम रहे।
इमरान खान नें भी इस मौके पर कहा कि चीन पाकिस्तान का हर मौसम साथी है। उन्होनें इस दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को एक अहम् योजना का नाम दिया और कहा कि इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलेगी।
इससे पहले हालाँकि इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की इस मामले में कड़ी आलोचना कर चुके हैं। जब इमरान खान विपक्ष में थे, तब उन्होनें नवाज शरीफ पर इस मामले में पारदर्शिता ना बरतने के आरोप लगाये थे।
अब इमरान खान की सरकार के अधिकारीयों का कहना है कि वे पूरी कोशिश करेंगे जिससे सीपीईसी योजना को लोगों के सामने पूरी पारदर्शिता के साथ रखा जा सके।