Fri. Dec 27th, 2024

    भारतीय टीम के पूर्व ट्रेनर शंकर बासु द्वारा टीम और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में स्थापित की गई विरासत ढहती दिख रही है। भारतीय टीम के चोटिल तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह एनसीए में रिहैब न करके इस समय उस शख्स के साथ रिहैब कर रहे हैं, जिसकी काबिलियत को नकार दिया गया था और राष्ट्रीय टीम में शामिल नहीं किया गया था।

    बुमराह इस समय आईपीएल की फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के ट्रेनर रजनीकांत शिवागनम के साथ रिहैब कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि रजनीकांत वही शख्स हैं जिन्हें अगस्त में भारतीय टीम के स्ट्रैंग्थ एंड कंडीशनिंग कोच पद के लिए नहीं चुना गया था और काम निक वेब को दिया गया था। यह सब प्रशासकों की समिति (सीओए) के मार्गदर्शन में हुआ था।

    जिस पैनल ने ट्रेनर संबंधी भर्ती के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम लिया था उसमें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के अलावा कोलकाता की इंडोरफिंस जिम के मालिक रणदीप मोइत्रा भी थे। इस पैनल ने ल्यूक वुडहाउस तथा वेब को रजनीकांत पर तरजीह दी थी।

    बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए न सिर्फ इस बात पर सवाल उठाए बल्कि उसने यह भी कहा कि क्या सीओए के समय की गई नियुक्तियों पर नए सिरे से विचार करना चाहिए?

    उन्होंने कहा, “यह निक की बात नहीं है, लेकिन रजनीकांत के लिए बाकियों की अपेक्षा प्रक्रिया काफी मुश्किल थी। पैनल में मौजूद एक शख्स से मैंने रजनी के प्रति इस शत्रुता जैसे व्यवहार की जांच की थी। उनसे पैनल ने जिम ट्रेनर के जैसी चीजें करने को कहा था जो किसी और से नहीं कहा था। एक हैरान करने वाली बात यह थी कि उस पैनल में एक शख्स ऐसा था जिसने रजनी के स्तर के मुकाबले काम ही नहीं किया। यह जानना बेहद दिलचस्प होगा कि उसे इंसान को पैनल में किसने रखा।”

    भारतीय टीम में बुमराह का स्थान बेहद अहम है और इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा कि भारतीय टीम प्रबंधन उनके रिहैब को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता है। बुमराह के पीठ में स्ट्रैस फ्रेक्चर की शिकायत है।

    सूत्र ने कहा, “हम अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के साथ किसी तरह का जोखिम नहीं ले सकते, तब भी जब उनका शरीर सही तरह से वापसी कर रहा हो। इसलिए उन्हें ग्रेट ब्रिटेन भेजा गया था। हमारे सामने नए साल में न्यूजीलैंड का अहम दौरा है और वह इस दौरे की रणनीति का अहम हिस्सा हैं। इसलिए टीम प्रबंधन इस बात को लेकर इंतजार करने को तैयार है कि बुमराह न्यूजीलैंड दौरे के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में लौटकर टीम में वापसी करें।”

    यह पहला मामला नहीं है कि भारत के किसी खिलाड़ी ने रिहैब के लिए एनसीए की अनदेखी की है और पूरे देश में मौजूद ट्रेनर का मानना है कि ट्रेनरों को उनकी काबिलियत के अलावा निश्चित कारण के आधार पर चुना जाता है।

    राज्य टीम से जुड़े एक ट्रेनर ने आईएएनएस से कहा, “आप मुझे एक बात बताइए, किसने यह तय किया कि एनसीए के ट्रेनर 35 साल से कम के होंगे? बीसीसीआई ने अकादमी के लिए स्ट्रेंग्थ एंड कंडीशनिगं कोच को लेकर जो आखिरी विज्ञापन दिया था उसमें कहा गया था कि ट्रेनर की उम्र 35 साल से कम की होनी चाहिए। इसलिए हमें किस ओर ले जाया जा रहा है और कौन हमें दूर रखना चाह रहा है? जब राष्ट्रीय हित की बात है तो इस तरह के अटपटे नियम? हमें कई वर्षो से राज्य टीमों के साथ काम कर रहे हैं और जब हम एक स्तर का अनुभव ले लेते हैं तो हमसे कहा जाता है कि आपकी उम्र एक मुद्दा है।”

    उन्होंने कहा, “जब भारत ने 2011 में विश्व कप जीता था तब रामजी श्रीनिवासन ट्रेनर हुआ करते थे और तब उनकी उम्र 42 साल की थी। आप इस बात को लेकर धोनी, सचिन, जहीर से पूछ सकते हैं कि रामजी अपने साथ क्या लेकर आए थे। यह सब मजाक बना रखा है और हालिया दौर में खिलाड़ियों की चोटें इस बात का सबूत हैं।”

    हाल ही में एक ट्रेनर ने बोर्ड के संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने घरेलू टीमों के ट्रेनर के साथ हो रहे भेदभाव के बारे में बात की।

    उन्होंने कहा, “हम 2000 से इस तंत्र का हिस्सा है उसके बाद भी लगातार हमारी अनदेखी की जा रही है। मैं आने वाले युवाओं के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन हमारे द्वारा किए गए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कोर्स को भी अहमियत नहीं दी जा रही है। उम्मीद है कि बीसीसीआई के नए अधिकारियों के आने से इसमें बदलाव आएंगे। रजनीकांत हमारे पास मौजूद सर्वश्रेष्ठ ट्रेनरों में से एक हैं इसलिए मुझे इसमें कोई शंका नहीं है कि बुमराह ने उनका चयन क्यों किया और वह एनसीए क्यों नहीं गए। अगर आप अन्य खिलाड़ियों से बात करेंगे तो आपको पता चलेगा कि अधिकतर खिलाड़ी रिहैब के लिए अकादमी नहीं जा रहे हैं।”

    उन्होंने कहा, “आप इस बात का पता क्यों नहीं लगाते कि हार्दिक पांड्या एनसीए क्यों नहीं गए? और मोइत्रा तथा निशा वर्मा- रिबॉक मास्टर ट्रेनर (उत्तर भारत), एनसीए में आने वालों का इंटरव्यू क्यों कर रही हैं।”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *