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    जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे रविवार को शुरू होने वाली अपनी भारत यात्रा को रद्द करने पर विचार कर रहे हैं। भारत यात्रा के दौरान शिंजो आबे 15 दिसंबर को वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन के लिए गुवाहाटी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले थे।

    लेकिन, गुवाहाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पूरे शहर में और असम के अन्य हिस्सों में हालातों के सामान्य ना होने के कारण जापानी पीएम शिंजो आबे अपनी यात्रा पर पुनर्विचार कर रहे हैं।

    इस मामले में केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि दो दिनों के बाद होने वाली मोदी-आबे की मुलाकात के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा, “हमारे पास साझा करने के लिए कोई अद्यतन नहीं है।”

    बता दें, पिछले हफ्ते, रवीश कुमार ने घोषणा की कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच शिखर सम्मेलन 15 से 17 दिसंबर के बीच होगा। यह कार्यक्रम गुवाहाटी में होने वाला था।

    यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र सरकार कार्यक्रम स्थल को स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है, कुमार ने कहा, “मैं इस पर स्पष्टीकरण देने की स्थिति में नहीं हूं। मेरे पास पेशकश करने के लिए कोई अद्यतन नहीं है।”

    गौरतलब है, पिछले दो दिनों से असम में बड़े पैमाने पर सीएबी को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन चल रहा है। निषेधात्मक आदेशों की अवहेलना करते हुए, नागरिकता विधेयक को रद्द करने की मांग के साथ हजारों लोग गुवाहाटी की सड़कों पर उतर आए हैं।

    जानकारी के मुताबिक गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा गोलियां चलाने के बाद गुरुवार को गोली लगने से करीब दो व्यक्तियों की मौत हो गई। आबे के स्वागत के लिए बुधवार को गुवाहाटी में लगाए गए होर्डिंग्स को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया है।

    पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, आबे के भारत दौरे से पहले तैयारी का जायजा लेने के लिए बुधवार को एक जापानी टीम गुवाहाटी आई थी। जिसके बाद शिंजो आबे की भारत यात्रा रद्द किए जाने पर विचार की जानकारी प्राप्त हुई।

    ज्ञात हो, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों को “असत्य” करार देने के एक दिन बाद, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमन ने भी गुरुवार को अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा रद्द कर दी थी।

    इस पर स्पष्टटिकरण देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि, मोमन ने शेड्यूलिंग मुद्दों के कारण 12-14 दिसंबर की अपनी यात्रा को स्थगित करने के बारे में भारत को अवगत कराया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया था कि अमित शाह ने सैन्य शासन के दौरान बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का उल्लेख किया है, वर्तमान सरकार के अधीन नहीं।

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