दिल्ली के दरियागंज इलाके में शुक्रवार को हुई हिंसा के लिए केंद्रीय मंत्री व चांदनी चौक से सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों की अज्ञानता को जिम्मेदार ठहराया है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यहां शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे। दिन भर के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद शाम होते होते कुछ उपद्रवियों ने डीसीपी दफ्तर के बाहर खड़ी एक कार में आग लगा दी। इस दौरान पुलिस पर पत्थर भी फेंके गए। जवाब में पुलिस ने लोगों को तितर-बितर किया व कुछ उपद्रवियों को हिरासत में भी लिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दरियागंज व दिल्ली गेट की हिंसा से एक बार फिर साफ हो गया है कि सीएए के विरोध के पीछे अज्ञानता भरे अंदेशे के साथ कुछ राजनीतिक दलों की शरारत भी है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि विरोध को हवा देने वालों में कांग्रेस पार्टी जैसे दल भी शामिल हैं, जो कभी इस कानून की मांग कर रहे थे।
दरअसल शुक्रवार को जामा मस्जिद क्षेत्र में जुमे की नमाज के लिए भीड़ इकट्ठा हुई। नमाज के बाद वे लोग जंतर-मंतर की तरफ मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे। शाम को प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ असामाजिक तत्वों ने बैरिकेड्स को तोड़ना शुरू कर दिया और पुलिस की सलाह के खिलाफ जंतर-मंतर तक पहुंचने के लिए जोर जबरदस्ती करने लगे। इस दौरान पुलिस पर पथराव भी किया गया और फिर डीसीपी दफ्तर के बाहर खड़ी एक कार में आग लगा दी गई।
हर्षवर्धन ने कहा कि लोकतंत्र में पुलिस भी आम जनता का ही प्रतिनिधित्व करती है, क्योंकि वह लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के मातहत काम करते हुए संविधान का पालन करने को बाध्य होती है।