उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले के सीलमपुर, जाफरबाद इलाके में मंगलवार दोपहर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में मंगलवार को एक डीसीपी (जिला पुलिस उपायुक्त) जख्मी हो गए। हालात को काबू में करने के लिए आनन-फानन में इलाके में पांच कंपनी सीपी रिजर्व फोर्स तैनात कर दिया गया है।
सीपी रिजर्व फोर्स दिल्ली पुलिस कमिश्नर के अधीन ऐसी ही आपात स्थितियों में काम करने वाला बल होता है।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “हिंसा फैलने के बाद काफी देर तक उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ही भीड़ से जूझती रही। हालात जब काबू नहीं आए तो पुलिस कंट्रोल रूम के जरिए शाहदरा तथा पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस से मदद मांगी गई।”
इसके बाद दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष से सीपी रिजर्व फोर्स की पांच कंपनी यानी करीब 300 जवान तुरंत मौके पर बुला लिए गए। फिलहाल इलाके में शांति होने तक सीपी रिजर्व पुलिस फोर्स की तैनाती जारी रहेगी।
इलाके में फैली हिंसा के शुरुआती दौर में आम लोगों और कुछ पुलिस वालों के जख्मी होने की खबर आई। जब हालात काबू हुए तो पता चला कि शाहदरा जिले के डीसीपी अमित शर्मा भी भीड़ के गुस्से का शिकार बन गए। उनके सिर में पत्थर की चोट बताई जा रही है।
हालांकि हालात को काबू करने में जुटी दिल्ली पुलिस ने अभी तक इस बाबत कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है।
घायलों में से कुछ को सरकारी अस्पतालों में और कुछ को आसपास मौजूद निजी अस्पतालों में दाखिल किया गया है। हिंसा में हुए नुकसान और घायलों की सही संख्या का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। लेकिन मौके पर जो हालात थे, उससे इतना तय है कि पथराव में काफी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिसमें पुलिस, आम जनता और उपद्रवी भी शामिल हैं। कई उपद्रवियों को पुलिस मौके से पकड़ने में भी कामयाब रही है।
पकड़े गए उपद्रवियों को पुलिस ने अलग-अलग थानों में बंद कर रखा है। साथ ही पुलिस का खुफिया तंत्र भी इस हिंसा के बाद इलाके में सजग हो गया है। पकड़े गए उपद्रवियों की सही संख्या फिलहाल नहीं पता लग पाई है।
मंगलवार दोपहर बाद भड़की इस हिंसा में कहा तो जा रहा है कि सीलमपुर पुलिस चौकी को भी भीड़ ने आग के हवाले करना चाहा था। इसकी पुष्टि मगर पुलिस ने अभी तक नहीं की है। हां, जाफरबाद थाने के बाहर पार्किं ग में खड़े कई वाहनों को भीड़ ने आग लगा दी। इनमें कुछ वाहन पुलिसकर्मियों के भी बताए जाते हैं।
अचानक बिगड़े हालात काबू करने में जिला पुलिस इसलिए भी हांफ रही थी, क्योंकि उपद्रवी और हिंसक भीड़ हमला करके सीलमपुर, जाफरबाद की संकरी गलियों में जाकर छिप जा रही थी। पुलिस जब तक भीड़ का पीछा करते हुए गलियों में पहुंचती तब तक हिंसक भीड़ पुलिस को निशाने पर लेकर पथराव कर देती थी। भीड़ इलाके के चप्पे-चप्पे संकरी गलियों के हर रास्ते से वाकिफ थी। जबकि पुलिस को इन गलियों की जानकारी तो थी, मगर उस हद तक नहीं जैसी हिंसा फैला रही भीड़ में शामिल उपद्रवियों को थी।