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    नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर मचे बवाल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसका पक्ष रखने के लिए लगातार काम कर रही है। इस दौरान दलित बस्तियों में चौपालों पर जानकारी दी जा रही है कि सीएए लागू होने से सर्वाधिक लाभ अनुसूचित वर्ग (एसटी/एसटी) को होगा। प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला ने आईएएनएस को बताया कि सीएए के समर्थन में संगठन महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह लगातार रणनीति तैयार कर रहे हैं, जो कारगर साबित हो रही है।

    उन्होंने बताया, “सीएए के समर्थन में नौजवानों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें खासकर अनुसूचित जाति के लोगों का अधिक रूझान बढ़ रहा है। इसे और ज्यादा समझाने के लिए दलित बस्तियों की ओर ध्यान देना शुरू किया गया है। खासकर वहां पर संपर्क अभियान, चौपाल , संगोष्ठी के माध्यम से लोगों से मिलने और उन्हें समझाने का क्रम जारी रखा गया है।”

    महामंत्री ने कहा, “विपक्ष का विरोध कुतकरें पर आधारित था इसलिए ज्यादा दिन तक नहीं चल सका। लोग इसके प्रति जागरूक हो रहे हैं। संगठन लगतार अपने जनजागरण के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है।”

    गोविन्द शुक्ला ने बताया, “दलित बस्तियों के लिए खासकर दलित वर्ग के नेता, मंत्री, विधायकों को अभियान में लगाया गया है। इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री को सुल्तानपुर, अयोध्या, राज्यमंत्री गुलाबो देवी को बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ जिलों की जिम्मेंदारी दी गई है। इसके अलावा मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर को आगरा, कानपुर, मुरादाबाद में लगाया गया है। इनके साथ ही अनुसूचित मोर्चे के अध्यक्ष उपेन्द्र पासवान और क्रमष: जिले के अध्यक्षों को लगाया गया है।”

    प्रदेश महामंत्री ने बताया, “पूर्व एससी/एसटी आयोग के चेयरमैन बृजलाल को बाराबंकी, पीलीभीत और लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है। उप्र वित्त विकास निगम के चेयरमैन लालजी निर्मल को सीतापुर, भदोही, राष्ट्रीय मंत्री रामचन्द्र कनौजिया हरवंश सिंह को गाजियाबाद, उन्नाव, बरेली, हरेन्द्र जाटव को बागपत, शामली, डा़ मामचन्द्र को साहरनपुर, होराम सिंह को मथुरा की जिम्मेदारी दी गई है।”

    शुक्ला ने बताया, “सीएए के समर्थन में चौपाल और मॉनीटरिंग के लिए एक टीम बनाई गई है जो सभी नेताओं की लोकेशन के बारे में पता करती है। इसके अलावा वह संख्या सहित अन्य विषय को भी देखती है। इसके बाद सारी रिपोर्ट बनाकर प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व को दिखाने के बाद केन्द्रीय नेतृत्व को भेजी जा रही है।”

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