दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को शाहीन बाग से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की याचिका खारिज कर दी। इसके अलावा याचिका में डीएनडी फ्लाईवे सहित इलाके से जुड़े क्षेत्र में यातायात को सुचारु करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और रुकावट को दूर करने की भी मांग की गई थी।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) के छात्र तुषार सचदेव द्वारा दायर याचिका को मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने खारिज कर दिया।
याचिका में कहा गया था, “लाखों लोगों को परेशानी हो रही है और यह लोगों के लिए आपातकाल जैसी स्थिति है। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों के दोनों तरफ बैरिकेड्स और भारी पत्थर लगा दिए हैं और पैदल चलने वालों को भी आने जाने नहीं दिया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने डिवाइडर्स और सरकारी खजाने सहित अन्य सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।”