नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के खिलाफ बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में सोमवार को भी प्रदर्शन जारी है। कई जिलों में इस अधिनियम को लेकर विरोध जुलूस निकालकर अधिनियम वापस लेने की मांग की गई, जबकि गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस अधिनियम के खिलाफ धरना दिया। नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी के विरोध में गया जिला मुख्यालय स्थित गांधी मैदान के पास पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी और विधान पार्षद संतोष कुमार मांझी सोमवार को धरने पर बैठे।
इस दौरान उन्होंने इस कानून को संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि आज पूरे देश में इस संशोधन का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका शांतिपूर्ण विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार इस अधिनियम को वापस नहीं ले लेती।
इधर, सीवान और गोपालगंज में भी सीएए के विरोध में लोग सड़क पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया। सीवान में लोगों ने राजा राम मोड़ के पास एकत्रित होकर विरोध मार्च निकाला, जो विभिन्न मागरें से होता हुआ ज़े पी़ चौक तक गया। यहां लोगों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। इस दौरान लोग बड़ी संख्या में इस अधिनियम को वापस लेने की मांग को लेकर हाथ में तख्तियां लिए हुए थे।
कैमूर और बांका में भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सड़क पर निकले और इस अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन किया। गोपालगंज में सैकड़ों लोग अंबेडकर चौक से होते हुए शहर में शांति मार्च निकाल कर एनआरसी और सीएए का विरोध जताया।
गौरतलब है कि रविवार शाम पटना के कारगिल चौक में सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया था। इस दौरान ‘मे आई हेल्प यू’ पुलिस चौकी में आग लगा दी गई तथा कई वाहनों को फूंक दिया गया। इसके बाद पटना में बिना अनुमति के किसी भी तरह के जुलूस निकालने और प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई है।