नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में गुरुवार को कर्नाटक के बेंगलुरू, कलबुरगी और शिवमोगा में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी शामिल हैं। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “तीन दिन से धारा 144 लागू होने के बावजूद कार्यक्रम स्थल पर इकट्ठे होने की कोशिश कर रहे लगभग 300 प्रदर्शनकारियों को बेंगलुरू के टाउन हॉल में हिरासत में रखा गया है।”
टाउन हॉल में प्रदर्शनकारी आजादी के नारे लगा रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाकर बसों में भर दिया। प्रदर्शन कर रहीं कई महिलाओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में रखने के लिए जा रहे प्रदर्शनकारी बसों के अंदर से नारेबाजी कर रहे थे।
विरोध प्रदर्शन जारी रहने के बावजूद बेंगलुरू पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने अपने निजी ट्विटर खाते से कई प्रदर्शनकारियों से व्यक्तिगत रूप से बात की और उनसे कानून की अवहेलना नहीं करने का आग्रह किया।
उन्होंने एक ट्विटर यूजर राहुल सिंह से कहा, “आरणीय सर, कृपया जनता को न भड़काएं और उन्हें कानून तोड़ने के लिए गुमराह न करें। धारा 144 लागू है।”
एक कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ता वटल नागराज को उनके आवास से हिरासत में लिया गया।
हालांकि प्रदेश के अधिकतर शहरों और कस्बों में आम जनजीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और स्कूल, कॉलेज, दुकानें, ढाबे और कार्यालय सामान्य रूप से संचालित थे और सार्वजनिक परिवहन चल रहा था।