Mon. Aug 25th, 2025

    केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नागरिक संशोधन कानून को भारत सरकार की अहम उपलब्धि बताते हुए कहा कि मोदी सरकार की स्पष्ट नीति के कारण ही नागरिक संशोधन विधेयक संसद में पारित हो सका है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “मोदी सरकार 2.0 की स्पष्ट नीति से संसद में पारित हुए असंभव लगने वाले विधेयक, धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन शरणार्थियों को नागरिकता।

    उन्होंने आगे कहा, “ई-सिगरेट पर प्रतिबंध, दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने सहित कई अन्य बिल शीतकालीन सत्र में पास हुए।”

    शुक्रवार को समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिक संशोधन विधेयक को लोकसभा व राज्यसभा की मंजूरी मिली है। इसके बाद इस विधेयक ने एक कानून की शक्ल ले ली है। केंद्र सरकार नागरिक संशोधन कानून को एक बड़ी उपलब्धि मानती है इस कानून के अमल में आ जाने से पाकिस्तान,अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, बौद्ध, इसाई, पारसी, सिख व जैन समुदाय समुदाय के शरणार्थियों को भारत में नागरिकता मिल सकेगी।

    केंद्रीय मंत्री निशंक का यह ट्वीट उस समय आया जब जामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और नॉर्थ ईस्ट राज्यों के कुछ छात्र संगठन नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली में जामिया के छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार शाम दक्षिण दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक झड़प व आगजनी भी हुई।

    दरअसल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्वायत्त विश्वविद्यालयों के कामकाज में सामान्यत कोई दखल नहीं देता है। मंत्रालय का कहना है कि विश्वविद्यालय से जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन स्वतंत्र व सक्षम है।

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