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    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) में पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि अगर इस कानून का संबंध धर्म से नहीं है तो इसमें मुस्लिमों को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, “अगर सीएए का धर्म से लेना-देना नहीं है तो हम सिर्फ हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन की बात क्यों कर रहे हैं? मुस्लिमों को भी शामिल क्यों नहीं किया गया? पारदर्शिता लाओ।”

    सोमवार देर रात और मंगलवार को कई ट्वीट्स करते हुए बोस ने कहा कि भारत के दरवाजे सभी धर्मो और समुदायों के लिए खुले हैं और इसकी किसी और देश से तुलना नहीं की जानी चाहिए।

    उन्होंने कहा, “भारत की किसी और देश से तुलना न करें, क्योंकि यही ऐसा देश है, जिसके दरवाजे सभी धर्मो और समुदायों के लिए खुले हैं।”

    मुस्लिम देशों में मुस्लिम समुदायों को नहीं सताए जाने के भाजपा के रुख पर उन्होंने कहा, “..तो वे नहीं आएंगे, इसलिए उन्हें शामिल करने में कोई नुकसान नहीं है।”

    उन्होंने हालांकि कहा, “यह पूरी तरह सच नहीं है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह रहे बलूच लोगों के बारे में क्या विचार है? पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के बारे में क्या विचार है?”

    बोस ने कहा कि सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाली सुभाष चंद्र बोस की सम्मिलित विचारधारा का अनुसरण करने वाली और समाज के सभी वर्गो के विकास के लिए काम करने वाली पार्टी ही 2021 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करेगी।

    उन्होंने कहा, “और सब व्यर्थ हो जाएगा।”

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