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    जनता दल(यूनाइटेड) के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ सड़क पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे इन प्रदर्शनों में भाग लें अन्यथा सोनिया गांधी जैसी शख्सीयत द्वारा इस संबंध में वीडियो जारी करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

    किशोर ने ट्वीट किया, “सीएए-एनआरसी के खिलाफ नागरिकों की लड़ाई से कांग्रेस और उसका शीर्ष नेतृत्व सड़क से नदारद है।”

    कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर शुक्रवार देर रात एक वीडियो जारी किया था।

    किशोर ने कहा, “कम से कम आप कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों से कह सकते हैं कि वे इस बात की घोषणा करें कि अपने राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेंगे। अन्यथा इस प्रकार की बयानबाजी के कोई मायने नहीं रह जाते हैं।”

    हालांकि, प्रियंका गांधी अपने भाई और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अनुपस्थिति में दिल्ली की सड़कों पर चल रहे विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करती नजर आईं, लेकिन पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व 14 दिसंबर को यहां रामलीला मैदान में हुई रैली के बाद से दिखाई नहीं दिया है।

    गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार प्रोजेक्ट करने और ‘चाय पर चर्चा’ जैसे चुनावी अभियान को सफल बनाने वाले प्रशांत किशोर वास्तव में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेतृत्व पर सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन पर शामिल नहीं होने के लिए निशाना साध रहे थे।

    जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (जेएमआई) में रविवार के दिन हुए हिंसक प्रदर्शन के एक दिन बाद ही सोमवार सुबह राहुल गांधी दक्षिण कोरिया के आधिकारिक दौरे पर रवाना हो गए।

    कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को विश्वविद्यालय में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ इंडिया गेट पर हो रहे प्रदर्शन में शामिल हुईं। इंडिया गेट पर ही शुक्रवार शाम को भी उन्होंने सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

    इससे पहले प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार से सीएबी (नागरिकता संशोधन विधेयक) को राज्यसभा में समर्थन करने के फैसले पर विचार करने का अनुरोध किया था।

    जब पार्टी ने विधेयक का ऊपरी सदन में समर्थन किया, तब प्रशांत ने ट्वीट कर कहा, “धर्म के आधार पर नागरिकों में भेदभाव करने वाले विधेयक (सीएबी) का जद(यू) द्वारा समर्थन करना दुखद है।”

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