Sat. Nov 16th, 2024

    नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर विरोध थमता हुआ नहीं दिख रहा है। सीएए के खिलाफ असंतोष बढ़ता देख उत्तर प्रदेश, दिल्ली के कई हिस्सों व अन्य राज्यों में धारा 144 लागू कर दी गई है। बुधवार को कर्नाटक में भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बढ़ जाने के बाद तीन दिन के लिए धारा 144 लागू कर दी गई थी।

    सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर असम सहित देश के कई अन्य हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं। केंद्र सरकार ने सीएए को लेकर विरोध को शांत करने की कोशिश करते हुए लोगों को बताया है कि यह अधिनियम किसी भी तरह से भारतीय नागरिकों को प्रभावित नहीं करता। इस बीच, गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की हिंसा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई होगी।

    दिल्ली के कुछ इलाकों में पुलिस ने दिए कॉल, इंटरनेट सेवा बंद रखने के आदेश

    नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ गुरुवार को विरोध प्रदर्शन तेज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने एयरटेल, जियो, एमटीएनएल, बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया सेलफोन ऑपरेटरों को पत्र लिखा है कि वे राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सभी संचार सेवाओं को बंद कर दें। दिल्ली पुलिस द्वारा सेलफोन ऑपरेटरों को लिखे गए पत्र में कहा गया है, “मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह निर्देश दिया जाता है कि सभी प्रकार के संचार, यानी कॉल, एसएमएस और इंटरनेट को रोक दिया जाए।”

    जिन क्षेत्रों में सेलुलर सेवाओं को रोकने के लिए कहा गया है, उनमें उत्तर और मध्य दिल्ली के इलाके शामिल हैं। इनमें मंडी हाउस, जामिया नगर, शाहीन बाग, सीलमपुर, जाफराबाद और बवाना ऐसे इलाके हैं, जहां मोबाइल सेवाओं को बंद करने के लिए कहा गया है। पुलिस के अनुसार, ये वह विशिष्ट क्षेत्र हैं, जहां से भीड़ विरोध प्रदर्शन के केंद्र में पहुंच सकती है।

    पुलिस ने मध्य दिल्ली क्षेत्र में धारा 144 लगा दी है और एहतियात के तौर पर कम से कम 17 दिल्ली मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार भी बंद कर दिए गए हैं। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले कई विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया है। कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि लोगों को विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित कर दिया गया है।

    दिल्ली पुलिस ने कहा विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई

    दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि प्रदर्शन के दौरान शहर में कहीं भी कोई हिंसा की घटना नहीं हुई है। पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हालांकि तनाव बना हुआ है।

    राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर किसी भी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया है।

    उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर दिल्ली के कुछ इलाकों में संचार के माध्यमों पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया, “उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगाई गई है। प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह की हिंसा नहीं हुई है और पुलिस ने भी बल का प्रयोग नहीं किया है।” पुलिस का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है।

    बिहार : कन्हैया कुमार- सीएए हिंदुस्तान के खिलाफ

    नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में गुरुवार को वामदलों के आह्वान पर बिहार बंद के समर्थन में भाकपा नेता कन्हैया कुमार ने यहां डाकबंगला चौराहा पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बंद समर्थकों में जोश भरा और इस कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया ने कहा, “यह कानून हिंदू और मुसलमान के खिलाफ नहीं, बल्कि यह हिंदुस्तान के खिलाफ है। इस कानून की वजह से बिहार प्रभावित होगा। सीएए और एनआरसी देश को बांटने के लिए है।”

    उन्होंने कहा, “दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता तय नहीं की जा सकती। यह देश अपनी गति से चल रहा था। यह कानून और एनआरसी देश को बांटने के लिए है। अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसा किया गया है। यह कानून गरीब लोगों के लिए परेशानी है।”

    उन्होंने सीएए के विरोध में 21 दिसंबर को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बिहार बंद का समर्थन करने की घोषणा की।

    कन्हैया ने कहा, “आज देश के नौजवानों की बात नहीं होती। किसान खेत में मर रहे हैं। उनकी कोई चिंता नहीं कर रहा। चुनाव में देश के लोगों की बात नहीं की जाती। चुनाव में हिन्दुस्तान और पाकिस्तान की बात होती है। हिन्दुस्तान के पहचान की बात होती है।”

    उन्होंने सीएए को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए कहा कि संविधान कहता है कि किसी भी इंसान के साथ उसकी पहचान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

    दिल्ली में प्रदर्शनकारियों की जमानत कराने के लिए मौके पर तैयार रही वकीलों की टीम

    दिल्ली में सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच प्रदर्शनकारियों को किसी भी तरह की कानूनी परेशानियों से बचाने के लिए और हिरासत से छुड़ाने के लिए दर्जनभर वकीलों की टीम तैयार रखी गई है। यह जानकारी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दी।

    एक कार्यकर्ता ने कहा, “वहां मौके पर कानूनी मदद के लिए टीम उपलब्ध है। अधिवक्ता प्रशांत भूषण के निर्देश पर टीम काम करेगी। किसी को भी अगर कानूनी कार्रवाई या हिरासत जैसी समस्या का सामना करना पड़े तो वे टीम के पास जा सकते हैं।”

    मौके पर नीलेश (9503979599) और मिशिका (9810187140) जैसे वकील मौजूद हैं। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों के लिए सोशल मीडिया पर एक सूची सर्कुलेट की जा रही है, जिसमें 30 वकीलों के नामों सहित सारी जानकारी दी गई है।

    उत्तर प्रदेश : संभल में प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज बस में लगाई आग, लखनऊ में भी हिंसक प्रदर्शन

    नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर उप्र के कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन जारी है। संभल जिले में प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज की बस में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। संभल के बाद लखनऊ में भी हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। यहां मदेयगंज, खदरा के बाद ठाकुरगंज में भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। पुराने लखनऊ में भी हिंसा फैली है। पुलिस ने उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं। मदेयगंज पुलिस चौकी के बाहर खड़ी दो बाइकों में आगजनी की गई।

    लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया, “सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोपी तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। फवाद, सदन अली और अली मुल्ला खान को शहर के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया।”

    नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में कई संगठनों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। समाजवादी पार्टी भी इस आंदोलन में शामिल है। पार्टी कार्यालयों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके मद्देनजर राज्य में धारा 144 लागू है।

    पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने बताया, “मेरठ में आपत्तिजनक पर्चे बांटने वाले तीन लोगों सहित बुधवार रात 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तीन हजार लोगों को शांतिभंग में पाबंद किया गया है। कृपया कोई भी व्यक्ति किसी भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा न लें। माता-पिता से भी अनुरोध है कि वे अपने बच्चों की काउंसलिंग करें।”

    वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में समाजवादी पार्टी ने धरना-प्रदर्शन किया। बेनियाबाग-चेतगंज मार्ग पर प्रतिवाद मार्च निकाल रहे भाकपा (माले) कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया। बेनियाबाग मैदान में प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों को बसों में भरकर कहीं ले जाया गया।

    चित्रकूट में नागरिकता कानून और महंगाई के विरोध में सपाइयों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका तो नाराज सपाइयों से पुलिस की नोकझोंक हो गई। इसके बाद सपाइयों ने गिरफ्तारी दी। वहीं उन्नाव कलेक्ट्रेट गेट के पास भी सपा कार्यकर्ता धरना दे रहे हैं। जिले के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।

    बुंदेलखंड : सीएए-एनआरसी के खिलाफ शांतीपूर्ण प्रदर्शन

    उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के सभी सात जिलों में गुरुवार को संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) दीपक कुमार ने बताया, “संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा जिलों में गुरुवार को कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रतीतात्मक विरोध जरूर किया, लेकिन कहीं भी किसी तरह के टकराव की स्थिति नहीं रही। सोशल मीडिया पर भी पुलिस अधिकारी लगातार नजर गड़ाए हुए हैं, ताकि कोई भी भड़काऊ पोस्ट न डाल सके।”

    डीआईजी कुमार ने बताया, “चारों पुलिस अधीक्षकों को पहले ही सतर्क कर दिया गया था और हर जिला मुख्यालयों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।”

    उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद बांदा शहर की मुस्लिम बाहुल्य बस्ती में सीएए और एनआरसी को लेकर गुरुवार को खुली कार्यशाला का आयोजन किया था, जहां पर धार्मिक बुद्धजीवियों (विशेषकर मुस्लिम समुदाय) को अफवाहों पर भरोसा न करने और सामाजिक सौहाद्र्र कायम रखने में प्रशासन की मदद करने की अपील की गई है।

    इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) की बांदा जिला इकाई के निवर्तमान अध्यक्ष शमीम बांदवी ने कहा, “प्रशासन ने बुधवार रात ही धारा-144 का हवाला देकर सैकड़ों सपाइयों के घरों में नोटिस चस्पा कर दी थी, इसके अलावा कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से संशोधित नागरिकता अधिनियम और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।”

    उन्होंने कहा, “संशोधित नागरिकता अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर किसी भी दशा में स्वीकार नहीं है और इसे हर हाल में वापस लिया जाना चाहिए।” ललितपुर के पुलिस अधीक्षक कैप्टन एम.एम. बेग ने बताया कि जिले में सीएए के खिलाफ सपा का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा है। सुरक्षा-व्यवस्था चाक चौबंद थी। झांसी और उरई-जालौन जिलों में भी किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

    कर्नाटक : बेंगलुरु के टाउन हॉल पर फिर से प्रदर्शनकारी इकट्ठा, कांग्रेस विधायक गिरफ्तार

    बेंगलुरू के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व धरना देने पर लगे तीन दिवसीय प्रतिबंध के लिए सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की निंदा की। अरशद ने यहां आईएएनएस से कहा, “असहमति हर नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। भाजपा सरकार हमें सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकती। शहर की पुलिस को प्रदर्शनकारियोंके विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है।”

    अरशद (39) हाल ही में नौ दिसंबर को राज्य की राजधानी के प्रतिष्ठित शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। यह सीट कांग्रेस के बागी विधायक रोशन बेग के इस्तीफे और उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के कारण रिक्त हुई थी, जिसे भरने के लिए पांच दिसंबर को उपचुनाव कराया गया था।

    अरशद ने पूछा, “कानून हमें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन का अधिकार देता है। यह संविधान में प्रदत्त एक लोकतांत्रिक अधिकार है। सीएए या एनआरसी के खिलाफ पुलिस हमें शांतिपूर्ण विरोध मार्च या प्रदर्शन से कैसे रोक सकती है, जो राष्ट्र विरोधी व जनविरोधी हैं।”

    अरशद ने कहा कि अधिकारी केवल किसी समस्या के कारण या किसी विशिष्ट क्षेत्र में कानून-व्यवस्था के बीच आने वाली दिक्कत की आशंका में ही धारा 144 लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध और धरने पर बैठने के खिलाफ कोई कानून नहीं है। प्रदर्शन हर नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। अरशद ने कहा कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है, जो हिंसा पैदा करता है, न कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने या मार्च करने के लिए।

    राज्यसभा में कर्नाटक कांग्रेस के सदस्य राजीव गौड़ा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त भास्कर राव द्वारा गुरुवार से शनिवार तक तीन दिनों के लिए लागू प्रतिबंध आदेश के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। राज्य में सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर एहतियात के तौर पर प्रतिबंध लगाया गया है।

    गौड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हाईकोर्ट ने हमारी जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया और इसे शनिवार को सुनवाई के लिए भेज दिया है। हमने प्रतिबंध के आदेश को रद्द करने की अपील की है, क्योंकि यह हमारे अधिकारों के खिलाफ है।” गौड़ा बेंगलुरू के प्रसिद्ध संस्थान आईआईएम-बी के पूर्व प्रोफेसर हैं, जहां छात्रों ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।

    हिमाचल प्रदेश : शिमला में एसएफआई कार्यकार्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

    मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से संबद्ध हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रों ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में एकजुटता दिखाई। हालांकि प्रदर्शन के दौरान किसी तरह की हिंसा की खबर अभी तक नहीं आई है।

    वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए अपनाए गए पुलिस के हिंसक रवैये की प्रदर्शनकारियों ने निंदा की।

    गोवा : सीएम सावंत ने कहा सीएए को लेकर गोवावासी परेशान ना हों

    गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि संसद में पारित जिस नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है, उससे गोवा के निवासियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। गोवा लिबरेशन परेड में शामिल होने के दौरान गुरुवार को सावंत ने संवाददाताओं से कहा, “वह नागरिकता संशोधन कानून, जो पास हुआ है, उससे गोवा के सभी निवासी, चाहे वह हिंदू हों, मुस्लिम हों, क्रिश्चियन हो, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। इसके लिए जो भी एहतिहात बरतने थे, वे उपाय किए जा चुके हैं।”

    ज्ञात हो कि राज्य की राजधानी में बुधवार को हजारों लोगों ने सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

    हैदराबाद : सीएए विरोधी रैली से पहले 100 से अधिक छात्र गिरफ्तार

    नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विभन्न वाम दलों के आह्वान पर गुरुवार को रैली में शामिल होने जा रहे हैदराबाद यूनिवर्सिटी के लगभग 100 छात्रों को साइबराबाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस गाचीबावली में यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार से छात्रों को दूर ले गई और उन्हें शहर के बाहर स्थित मोइनाबाद पुलिस स्टेशन में भेज दिया।

    स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) नेता कुलदीप ने आईएएनएस से कहा, “छात्र मार्च के लिए रवाना होने बस में बैठ गए थे, लेकिन पुलिस बस में घुस गई और उसे फाइनेंशियल डिस्ट्रिक की ओर घुमा दिया।”

    हिरासत के खिलाफ छात्र मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करते हुए बैठ गए और सीएए वापस लेने की मांग करने लगे।

    वाम दलों की सीएए तथा प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (सीएए) के खिलाफ हैदराबाद स्थित एग्जिबिशन ग्राउंड में प्रदर्शन करने की योजना है। पुलिस ने हालांकि रैली की अनुमति देने से इंकार कर दिया और प्रदर्शन स्थल की ओर जा रहे छात्रों को हिरासत में ले लिया।

    पश्चिम बंगाल : विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं अपर्णा सेन

    लोकप्रिय फिल्मकार और अभिनेत्री अपर्णा सेन ने गुरुवार को कहा कि देशभर में नए नागरिकता कानून सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहा है और उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता। कोलकाता में बड़े विरोध मार्च में हिस्सा लेने के दौरान सेन ने प्रतिष्ठित इतिहासकार रामचंद्र गुहा को बेंगलुरू में हिरासत में लेने की निंदा भी की।

    रामलीला मैदान से कोलकाता के नगर निगम मुख्यालय तक के गैर-राजनीतिक मार्च में शामिल हुईं अपर्णा ने कहा, “हमें उन्हें यह दिखाना होगा कि देशभर के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। देश जोरदार विरोध कर रहा है।”

    दिल्ली के कुछ हिस्सों में मोबाइल सर्विस निलंबित

    भारती एयरटेल ने कहा है कि, हम सरकार से प्राप्त निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं। जिस वजह से दिल्ली में कुछ क्षेत्रों में आवाज, एसएमएस और डेटा सेवा निलंबित की जा रही है। एक बार निलंबन आदेश हटा दिए जाने के बाद, हमारी सेवाएं पूरी तरह से चलेंगी।

    सीएए विरोध प्रदर्शनों को दबाने पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार की निंदा की

    कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ लोगों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए सरकार की तीखी आलोचना की है। प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, “मेट्रो स्टेशन बंद हैं। इंटरनेट बंद है। हर जगह धारा 144 है। किसी भी जगह आवाज उठाने की इजाजत नहीं है।

    जिन्होंने आज टैक्सपेयर्स का पैसा खर्च करके करोड़ों का विज्ञापन लोगों को समझाने के लिए निकाला है, वही लोग आज जनता की आवाज से इतना बौखलाएं हुए हैं कि सबकी आवाजें बंद कर रहे हैं।” इसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “मगर इतना जान लीजिए कि आवाज को जितना दबाएंगे, उतनी तेज आवाज उठेगी।”

    इससे पहले प्रियंका गांधी ने राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला खान के शहादत दिवस पर ट्वीट किया था। ये दोनों स्वतंत्रता सेनानी 1927 में एक ही दिन ब्रिटिश शासन का विरोध करते हुए फांसी पर चढ़ गए थे।

    सीएए के विरोध में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर सरकार ने स्पष्ट किया है कि 1955 के नागरिकता अधिनियम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस पर सरकार ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया है।

    उत्तर प्रदेश : सीएए विरोधी प्रदर्शनों के कारण लखनऊ मेट्रो सेवा बधित

    नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के कारण लखनऊ मेट्रो सेवा बाधित हुई है। पुलिस के कहने पर केडी सिंह मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। यहां पर ट्रेन नहीं रुक रही है। पुलिस ने प्रदर्शन के कारण सुरक्षा के लिहाज से गुरुवार को मेट्रो स्टोशनों की सुरक्षा के खास इंतजाम किए हैं।

    लखनऊ मेट्रो की जनसंपर्क अधिकारी पुष्पा बेलानी ने बताया कि मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षा गार्ड बढ़ा दिए गए हैं। हर आने जाने वाले यात्री पर नजर रखी जा रही है। संदिग्ध यात्रियों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। मेट्रो स्टेशनों पर परिचालन से जुड़े अफसर भी लगाए गए हैं। स्टेशनों पर अतरिक्ति चौकसी बरती जा रही है। लखनऊ मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन ने केडी सिंह मेट्रो स्टेशन पर टिकटों की बिक्री बंद कर दी है। इसी के मेट्रो स्टेशन के गेट भी बंद कर दिए गए हैं।

    उत्तर प्रदेश : सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान सपा के पूर्व विधायक गिरफ्तार

    नागरिकता संसोधन कानून और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार सहित कई मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने गुरुवार को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। काकोरी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन की भनक लगते ही पुलिस ने पूर्व विधायक इरशाद खां को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। काकोरी में ताड़तला वार्ड से विरोध जुलूस निकाला गया, जिसे पुलिस ने लाठी फटकार कर खत्म कर दिया।

    नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह तैयार है। राजधानी के हर गाली-कूचे पर पुलिस मुस्तैद है। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने शाम पांच बजे तक केडी सिंह बाबू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है। पुलिस हर स्थिति में प्रदर्शनकारियों को रोकने की तैयारी में है।

    पुलिस-प्रशासन के बड़े अफसरों ने सड़क मार्च कर लोगों से संपर्क किया। सभी संवेदनशील इलाकों में निगरानी का जिम्मा मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को दिया गया है। देर रात पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने पुलिस लाइन में बैठक कर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। वहीं पार्टी कार्यालय आ रहे सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। विभिन्न संगठनों की ओर से परिवर्तन चौक पर प्रस्तावित धरने के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाई गई। चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ पीएसी भी मुस्तैद है।

    विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने थानों में मदरसों के मुतवल्लियों, सिविल डिफेंस समेत अन्य लोगों के साथ बैठकें की। मुतवल्लियों से बच्चों को समझाने की अपील की गई।

    विरोध प्रदर्शनों के लिए दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से जुटाए जा रहे लोग : गृहमंत्रालय

    गृह मंत्रालय (एमएचए) के स्रोत से समाचार एजेंसी एएनआई को मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के लोगों को जुटाए जाने की सूचना मिली हैं। सभी संबंधित जिलों को दिल्ली की सीमा पर निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं।

    साथ ही बताया गया है कि पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कुछ विरोध प्रदर्शन हुए जो व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से लोगों को संगठित करने के लिए आयोजित किए गए थे। लेकिन कोई भी संगठन विरोध की जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आया है। कुछ स्थानों की पहचान की गई जहां अधिकारियों ने स्थानीय खुफिया जानकारी देते रहने के लिए कहा है।

    सीएए विरोध प्रदर्शनों को लेकर महाराष्ट्र के कुछ हिस्से बंद, मुंबई सामान्य

    नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में भारत बंद का देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर कोई असर नहीं पड़ा है। हालांकि महाराष्ट्र के कुछ हिस्से पूरी तरह बंद हैं। प्रदेश में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, एनजीओ आज शाम दक्षिण मुंबई स्थित अगस्त क्रांति मैदान में विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसमें बड़ी संख्या में युवा और छात्र शाामिल हो सकते हैं।

    इसी तरह ठाणे, पालघर, पुणे, नासिक, अहमदनगर, औरंगाबाद, बीड, लातूर और प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी सीएए के विरोध में ऐसे ही कार्यक्रम और जनसभाओं को आयोजित करने की योजना है।

    जहां भाजपा सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) राज्य में लागू करने की मांग कर रही है, वहीं सत्तारूढ़ शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-कांग्रेस ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही राज्य इस पर कोई निर्णय लेगा। महाराष्ट्र के लगभग 34 साहित्यकारों ने सीएए को वापस लेने की मांग की है और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई को ‘अमानवीय’ बताया है।

    इन लेखकों में शांता गोखले, सतीश अकलेकर, जयंत पवार, अरुण खोपकर ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता नहीं देने के लिए केंद्र सरकार को संकुचित मानसिकता का बताया है। राज्य में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। यातायात और अन्य गतिविधियों पर सीसीटीवी, ड्रोन्स और सशस्त्र कर्मियों द्वारा नजर रखी जा रही है।

    कर्नाटक : मैसूर बैंक सर्कल इलाके में धारा 144 का उल्लंघन

    कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष सीएए विरोध के मद्देनजर राज्य में धारा 144 लागू करने को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई है। 21 दिसंबर को न्यायालय मामले पर सुनवाई करेगा।

    कर्नाटक में धारा 144 का उल्लंघन करते हुए, वामपंथी दलों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन किया।

    बेंगलुरु के टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिया है। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने गुरुवार को बेंगलुरू में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर बेंगलुरू पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है। गुहा ने कहा, “हम पूरी तरह अहिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। यह भेदभावपूर्ण कार्रवाई है। देखिए, पुलिस नागरिकों से कैसा व्यवहार कर रही है। पुलिस की यह क्या कार्रवाई है।”

    गुहा ने पुलिस पर केंद्र सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों में गुहा भी शामिल थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गुहा ने कहा कि यह पूरी तरह अलोकतांत्रिक है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं करने दे रही है, जो नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है।

    गुहा एक तख्ती लिए हुए थे, जिस पर नीले रंग में भीम राव आंबेडकर की तस्वीर बनी हुई थी और लिखा था, ‘संविधान के खिलाफ सीएए’। उन्हें पुलिसकर्मियों ने हिरासत में लेकर बस में ले गए। उन्हें हिरासत में लेने की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए हैं।

    राजदानी दिल्ली : लाल किले के पास धारा 144 का उल्लंन

    लाल किले के आसपास के इलाके में धारा 144 का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में लोग वहां विरोध प्रदर्शन के लिए पहुंचे हैं।

    नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित लाल किला क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया। पुलिस ने स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और उनके साथियों को भी हिरासत में ले लिया। खालिद अपने साथियों के साथ लाल किला से आईटीओ स्थित शहीद पार्क तक जाना चाहते थे।

    इस दौरान आईटीओ जाने वाला मार्ग वाहन व पैदल यात्री दोनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। छात्र लाल किला पर प्रदर्शन करने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर बाद 20-25 की संख्या में अलग-अलग रास्तों से पहुंच रहे हैं। प्रदर्शन के लिए अभी तक पहुंचे सभी छात्र व स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया गया है।

    कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित को सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान मंडी हाउस पर हिरासत में ले लिया गया। दीक्षित ने कहा, “मैं लाल किला पर प्रदर्शन के लिए गया था। उन्होंने मुझे वहां बैठने की अनुमति नहीं दी। उसके बाद मैंने सुना कि मंडी हाउस पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे हिरासत में ले लिया गया। मैं विरोध प्रदर्शन जारी रखूंगा। यदि वे आज मुझे रोकेंगे, हम कल आएंगे।”

    दिल्ली : जंतर-मंतर पर छात्रों ने सीएए के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

    दिल्ली के कई छात्र संगठनों ने संयुक्त रूप से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ गुरुवार को जंतर मंतर पर अपना विरोध जताया। अलग-अलग गुटों में यहां पहुंचे ये छात्र बिना किसी नेतृत्व के विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे इन छात्रों को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय छात्र संघ, आईसा समेत कई छात्र संघों का समर्थन प्राप्त था।

    सुबह से ही जंतर-मंतर पर भारी संख्या में मौजूद छात्र शाम करीब साढ़े पांच बजे तक विरोध प्रदर्शन में जुटे रहे। छोटी-छोटी टोलियों में बटे इन छात्रों ने अपना विरोध जताने के लिए मुख्यत संगीत का सहारा लिया।

    ढपली, ढोलकी, मंजीरों के बीच ये छात्र नारेबाजी करते रहे। कुछ छात्रों ने योगासन के माध्यम से भी राहगीरों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने की कोशिश की।

    दिल्ली विश्वविद्यालय में एम. ए. की छात्रा अनन्या ने नागरिकता संशोधन कानून पर अपना मत रखते हुए कहा, “सरकार को सभी धर्मो के शरणार्थियों को इस कानून के अंतर्गत लेने चाहिए थे।”

    जामिया में पीजी कर रही शाजिया ने कहा कि वह नागरिकता कानून को एकतरफा मानती हैं, इसलिए अपना विरोध दर्ज कराने यहां पहुंची हैं।

    हैदराबाद में सीएए विरोधी रैली में जा रहे प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

    नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हैदराबाद में एक रैली में भाग लेने जा रहे दर्जनों कार्यकर्ताओं और वामपंथी नेताओं को पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया है। पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को शहर का दिल कहे जाने वाले एक्जीबिशन ग्राउंड्स में जाने के दौरान रोका। वामपंथी दलों और कई मुस्लिम संगठनों ने एक्जीबिशन ग्राउंड्स से राज्य विधानसभा भवन तक रैली का आह्वान किया था। हालांकि रैली करने के लिए पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी।

    रैली में शामिल होने के लिए जा रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता व पूर्व सांसद अजीज पाशा भी गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल हैं। गिरफ्तारी का विरोध कर रहे अजीज पाशा ने कहा, “यह अन्यायपूर्ण है। यह लोकतंत्र है या पुलिस राज।” उनका कहना है कि वह संविधान और वामपंथी दलों से जुड़े मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे।

    इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने बुर्का पहनी महिलाओं को भी रैली में जाने से रोका। इस रैली की योजना वास्तविक तौर पर ऐतिहासिक चारमीनार से एक्जीबिशन ग्राउंड्स के लिए बनाई गई थी, लेकिन साउथ जॉन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी।

    चंडीगढ़ में मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन

    चंडीगढ़ में मुस्लिम संगठनों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में प्रदर्शन किया और मार्च निकाला।

    सीएए-एनआरसी के खिलाफ, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विरोध प्रदर्श, प्रशासन सतर्क 

    मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ गुरुवार को वामदल विरोध दिवस मना रहे हैं। रैली, सभाएं, प्रदर्शन और प्रशासन को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। प्रशासन ने किसी भी तरह के हिंसक आंदोलन को रोकने के लिए कमर कस ली है। राजधानी भोपाल में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और माकपा के राज्य मंडल सदस्य बादल सरोज ने बताया, “मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विरोध दिवस मनाया जा रहा है। दोनों राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बिहार के अलावा देश में कहीं भी बंद का आह्वान नहीं किया गया है, विरोध दिवस मनाया जा रहा है। मगर कई जगह निषेधाज्ञा लागू कर कमलनाथ सरकार ने अपनी निष्ठा को संदिग्ध कर लिया है।”

    माकपा का कहना है कि कानून देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे और संविधान की मूलभावना पर चोट है। आजादी के समय साम्प्रदायिक ताकतों के मंसूबों को नकार धर्मनिरपेक्ष भारत का निर्माण किया था। मगर अब सत्ताधारी भाजपा और संघ परिवार फिर से सावरकर और जिन्ना के द्विराष्ट्र के सिद्घांत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

    मप्र में वामदलों के विरोध दिवस के तहत प्रदर्शन किया जा रहा है और रैलियां निकाली जा रही हैं। वहीं पुलिस और प्रशासन ने एहतियात के तौर पर खास इंतजाम किए हैं। बुधवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (गुप्तवार्ता) डॉ. एस. डब्ल्यू. नकवी ने पुलिस अधिकारियों से वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए कानून-व्यवस्था की समीक्षा की, साथ ही सीएए और एनसीआर को लेकर होने वाले आंदोलन के दौरान खास सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।

    वहीं राजधानी भोपाल में जिलाधिकारी तरुण पिथोड़े ने निषेधाज्ञा 144 लागू कर दी है। आंदोलन व प्रदर्शन पर रोक रहेगी। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर खास नजर रखी जा रही है। किसी भी तरह के भड़काऊ बयान, चित्र, वीडियो आदि जारी होने पर ग्रुप एडमिन पर कार्रवाई होगी।

    वहीं माकपा की छत्तसीगढ़ इकाई के सचिव संजय पराते ने बताया, “राज्य में विरोध प्रदर्शन जारी है। रायपुर और रायगढ़ जिलों में प्रशासन ने आंदोलन की अनुमति नहीं दी है, उसके बावजूद प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन का रवैया ठीक नहीं है। लोकतांत्रिक अधिकार पर अंकुश लगाना ठीक नहीं है।”

    मद्रास विश्वविद्यालय परिसर से प्रदर्शनकारी छात्र हटाए गए

    मद्रास विश्वविद्यालय परिसर से प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के एक समूह को स्थानीय पुलिस द्वारा हटा दिया गया और सभी गेट बंद कर दिए गए। एक विद्यार्थी ने इस बात की जानकारी दी। यहां विद्यार्थी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

    एक विद्यार्थी के मुताबिक, कार्रवाई बुधवार देर रात हुई।

    राजनीति विज्ञान में एम.ए. द्वितीय वर्ष के एक छात्र ए.टी. एलाक्कियन ने आईएएनएस को बताया, “प्रदर्शन कर रहे सभी विद्यार्थियों को पुलिस अपने वैन में उठाकर पास में स्थित त्रिप्लिकेन पुलिस थाने ले गई और हमें अपने घर जाने को कहा गया। पुलिस ने हमें थाने चलने को कहा था जिसका हमने विरोध किया।”

    उन्होंने आगे कहा, “पुलिस ने हमें डिनर करने को कहा, क्योंकि उनके पास थाने में खाने के पैकेट्स मौजूद थे। दो विद्यार्थी अंदर गए और पैकेट्स ले आए। अब विद्यार्थी अपने घरों में हैं।”

    इस छात्र के मुताबिक, यद्यपि विश्वविद्यालय ने छात्रावास और यहां की रसोई पर ताला लगा दिया है, लेकिन कुछ विद्यार्थियों ने अपना कमरा खाली करने से इंकार कर दिया है और उन विद्यार्थियों को भोजन प्रदान किए जाने के बारे में बातचीत चल रही है। छात्र ने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को पुलिस स्टेशन ले जाने के बाद पुलिस ने उन पर कोई मामला दर्ज किए बिना ही उन्हें छोड़ दिया।

    इस बीच, विश्वविद्यालय में प्रवेश रोक दिया गया और इसके सभी गेट बंद कर दिए गए।

    भड़काऊ सीएए विरोधी पोस्ट को लेकर उत्तर प्रदेश के एआईएमआईएम नेता पर मामल दर्ज

    फिरोजाबाद जिले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता एहतेशाम अली बाबर पर नागकिरता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ फेसबुक पर भड़काऊ वीडियो को पोस्ट कर स्थानीय लोगों को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। अभियुक्त पर बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 153 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

    उप-निरीक्षक ओमेंदर सिंह ने अली बाबर के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उन्होंने कहा, “हमारे सोशल मीडिया वॉलेंटियर्स ने मंगलवार रात हमें सूचना दी कि एहतेशाम ने एक वीडियो शूट किया है और स्थानीय निवासियों में बैर बढ़ाने तथा और हिंसा भड़काने के लिए फेसबुक पर लिए शेयर कर दिया।”

    मोहम्मदपुर गांव निवासी बाबर ने 2017 विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम के टिकट पर टूंडला से चुनाव लड़ा था। मामला दर्ज होने के बाद से बाबर फरार हैं।

    सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते, 16 मेट्रो स्टेशन बंद

    नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे प्रदर्शनों की वजह से दिल्ली मेट्रो ने तीन और मेट्रो स्टेशनों-राजीव चौक, जनपथ व बाराखंभा को बंद कर दिया। इस तरह से बंद होने वाले मेट्रो स्टेशनों की संख्या 19 हो गई है। दिल्ली मेट्रो ने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, “राजीव चौक के प्रवेश व निकास द्वारा बंद हैं। इस स्टेशनन पर इंटरचेंज (बदलाव) की सुविधा उपलब्ध है।”

    उन्होंने कहा, “जनपथ के भी प्रवेश व निकास द्वार बंद हैं। इस स्टेशन पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी।”

    उन्होंने कहा, “बाराखंभा के भी प्रवेश व निकास द्वार बंद हैं। इस स्टेशन पर भी ट्रेने नहीं रुकेंगी।”

    इससे पहले दिन में दिल्लीभर में 16 मेट्रो स्टेशनों को एहतियाती उपाय के तौर पर बंद किया गया था। प्रदर्शनकारी लाल किला से मंडी हाउस व जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए जमा हो रहे थे।

    डीएमआरसी ने वसंत विहार, मंडी हाउस, केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, लोक कल्याण मार्ग, उद्योग भवन, आईटीओ, प्रगति मैदान, खान मार्केट, लाल किला, जामा मस्जिद, चांदनी चौक, विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, जसोला विहार, शाहीन बाग और मुनरिका के प्रवेश व निकास द्वार को बंद कर दिया था और घोषणा की इन जगहों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी।

    हालांकि, मंडी हाउस व केंद्रीय सचिवालय स्टेशनों पर इंटरचेंज की सुविधा रहेगी।

    सीएए और एनआरसी विरोधी मार्चों के लिए दिल्ली पुलिस ने नहीं दी अनुमति

    दिल्ली पुलिस ने बताया है कि गुरुवार सुबह 11:30 बजे लाल किला से शहीद भगत सिंह पार्क (ITO) तक नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ होने वाली मार्च ‘हम भारत के लॉग’, को अनुमति नहीं दी गई है। सुरक्षा की दृष्टि से लाल किले के आसपास दंड प्रक्रिया संहिता की धारा -144 (एक क्षेत्र में 4 से अधिक लोगों की सभा पर प्रतिबंध) लागू कर दी गई है।

    साथ ही, दोपहर 12 बजे से कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से मंडी हाउस से लेकर जंतर मंतर तक सीएए और एनआरसी के विरोध में मार्च को भी अनुमति नहीं दी गई है।

    बिहार बंद से जनजीवन प्रभावित, कई स्थानों पर रेल व सड़क मार्ग बधित

    नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में वामदलों के ‘बिहार बंद’ को लेकर गुरुवार को सुबह से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतर आए जिससे आवागमन प्रभावित हुआ। पटना के पास गांधी सेतु जाम करने से सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। बिहार के कई इलाकों में ट्रेनों को रोक कर रेल सेवा बाधित की गई। ‘बिहार बंद’ को जन अधिकार पार्टी सहित महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, रालोसपा, वीआईपी और ‘हम’ ने समर्थन दिया है।

    सीएए के विरोध में वामदलों के ‘बिहार बंद’ को लेकर आज सुबह बिहार के कई इलाकों में ट्रेनों को रोक कर रेल सेवा बाधित की गई। राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल समेत दरभंगा के लहेरिया सराय, सहरसा, खगड़िया, आरा में ट्रेन रोक कर रेल सेवा बाधित की गई। जन अधिकार पार्टी व अन्य सहयोगी दलों के सदस्यों ने राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर सुबह पहुंचकर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।

    आरा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 को ‘बिहार बंद’ समर्थकों ने जाम कर दिया, जिससे पटना-आरा मार्ग पर आवगमन ठप्प है। इसके अलावा पटना, भागलपुर, पूर्णिया सहित कई इलाकों में लोग सड़कों पर उतरे और सड़कों पर आगजनी की गई।

    पटना में भी एहतियातन अधिकांश स्कूलों को बंद करा दिया गया है। हाजीपुर, पूर्णिया में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और कई क्षेत्रों में सड़कें जाम की। वामदलों द्वारा सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में नारेबाजी की जा रही है। इस बीच ‘बिहार बंद’ के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

    सहरसा में सुबह सहरसा-समस्तीपुर मेमो ट्रेन को बंद समर्थकों ने आधे घंटे से अधिक समय तक रोके रखा। दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने कमला-गंगा इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोक दिया। हाजीपुर में भी ट्रेन रोके जाने की सूचना है।

    उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू, किसी भी सभा की अनुमति नहीं

    नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में गुरुवार को राजव्यापी विरोध प्रदर्शन है। इसे लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। इससे निपटने के लिए रणनीति भी तैयार हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। प्रदेश सरकार ने इस दौरान सर्दी के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेजों में दो दिनों- गुरुवार और शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया है।

    डीजीपी सिंह ने ट्वीट किया, “19 दिसंबर 2019 को पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू रहेगी और किसी भी सभा के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। कृपया कोई भी व्यक्ति किसी भी सभा में भाग ना लें। माता-पिता से भी अनुरोध है कि वे अपने बच्चों की काउंसलिंग करें।”

    उत्तर प्रदेश में भी सीएए को लेकर कई विश्वविद्यालयों और शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनको लेकर प्रदेश की पुलिस सख्त हो गई है। प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 लागू होने और पूर्व अनुमति के बगैर सभी प्रकार के कार्यक्रमों पर रोक के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदर्शन की कोशिश करने की प्रबल संभावना से टकराव की आशंका है।

    इससे पहले मुख्यमंत्री ने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के अलावा एसटीएफ और एटीएस के आला अफसरों के साथ बैठक कर प्रदेश में हिंसक घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे।

    पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले सीआरपीसी की धारा 149 के तहत 3,000 लोगों को नोटिस जारी किया है। कुछ लोगों से पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉन्ड भी भरवाया है।

     

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