नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में विभिन्न संगठनों के आवाह्न पर बिहार में बुधवार को ‘भारत बंद’ का मिला-जुला असर देखा जा रहा है। कई राजनीतिक संगठनों ने भी ‘बंद’ का समर्थन किया है।
सीएए तथा एनआरसी के विरोध में बंद के समर्थन में जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी भी सड़क पर उतरे और इन नेताओं ने पटना के डाकबंगला चौराहे पर समर्थकों के साथ नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया।
वामदलों के कार्यकर्ता सुबह से ही बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर रहे। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने हालांकि इस बंद का समर्थन नहीं किया है।
इधर, पटना में अधिकांश दुकानें खुली रही परंतु कई स्थानों पर बंद समर्थकों के सड़कों पर उतरने के कारण आवागमन बाधित हुआ। इस बीच, एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में अररिया में वामदलों के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय सहित प्रखंड व शहरी इलाकों में सडकों पर उतर आए।
भोजपुर, किशनगंज, गोपालगंज, बेगूसराय में भी बंद का असर देखा जा रहा है। इस दौरान बंद समर्थकों द्वारा कई सड़कें अवरुद्ध कर देने के कारण आवगमन प्रभावित हुआ।
इधर, पटना के डाकबंगला चौक पहुंचे रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आज लोगों को सीएए नहीं शिक्षा चाहिए, एनआरसी नहीं स्वास्थ्य सुविधा चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसे कदम उठा रहे हैं, जिससे लोगों को सडक पर उतरना पड़ रहा है।
हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि आज सीएए, एनआरसी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को विदेश में रह रहे लोगों की चिंता है परंतु देश के गरीब और अल्पसंख्यकों की चिंता नहीं है।