देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध और समर्थन में अभी भी जगह-जगह प्रदर्शन जारी हैं। सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को डर है कि केंद्र सरकार का यह कानून अखिल भारतीय एनआरसी द्वारा चिन्हित गैर प्रवासियों को ढाल देगा और बड़ी संख्या में भारतीय मुसलमानों को बेघर कर देगा। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय एनआरसी पर यू-टर्न लेते हुए कहा है कि अभी इसकी कोई चर्चा नहीं है। पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनों में दर्जनों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। जिसमें सबसे अधिक संख्या में उत्तर प्रदेश के निवासी थे। वहीं बीजेपी नेताओं ने कहा है कि सरकार ने एंटी-सीएए विरोध की आशंका नहीं थी, जो कि पिछले कई हफ्तों से जारी है।
दिल्ली : युवा कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
दिल्ली में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आज नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ इंडिया गेट पर धरना दिया।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह : देश का माहौल खराब करना चाहता है विपक्ष
एंटी सीएए विरोध प्रदर्शनों को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, विपक्ष देश का माहौल खराब करना चाहता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को उकसाया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह : सही सोच वाले नागरिक के रूप में कांग्रेस की जिम्मेदारी कि सीएए को स्वीकार करे
पीएमओ राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सही सोच वाले नागरिकों के रूप में, मुझे लगता है कि यह कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह आगे आए और नागरिकता संशोधन अधिनियम को जिस भावना और तरीके से इसे लाया जा रहा है। उसके लिए इसे स्वीकार करे न कि केवल आलोचनात्मक होने के लिए इसकी आलोचना करे।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनोद कुमार : सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में भारतीय रेलवे की 80 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया है कि, नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में भारतीय रेलवे की लगभग 80 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। जिसमें से 70 करोड़ रुपये पूर्वी रेलवे की संपत्ति हैं और रु 10 करोड़ रुपये नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे की है।
पंजाब : सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, प्रदेश में सरकार नहीं देगी सीएए लागू करने की अनुमति
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय से दी गई जानकारी के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पंजाब में नागरिकता संशोधन अधनियम के क्रियान्वयन की अनुमति नहीं देगी और कांग्रेस इसके लिए पूरी ताकत से लड़ना जारी रखेगी। एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम की घोषणा की।
पीएम मोदी ने सीएए समर्थन में सद्गुरु जग्गी वासुदेव का वीडियो रीट्विट किया
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सद्गुरु जग्गी वासुदेव का एक वीडियो क्लिप रीट्वीट किया और लोगों से इस मुद्दे पर उनका स्पष्टीकरण सुनने को कहा। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “सद्गुरु द्वारा सीएए व अन्य संबंधित पहलुओं पर स्पष्ट विवरण को सुनें।”
मोदी ने लिखा, “उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ के साथ भाईचारे की हमारी संस्कृति पर शानदार तरीके से प्रकाश डाला है। उन्होंने इस बारे में निहित स्वार्थी समूहों के दुष्प्रचार के बारे में भी बताया है।”
Do hear this lucid explanation of aspects relating to CAA and more by @SadhguruJV.
He provides historical context, brilliantly highlights our culture of brotherhood. He also calls out the misinformation by vested interest groups. #IndiaSupportsCAA https://t.co/97CW4EQZ7Z
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2019
प्रधानमंत्री के इस पोस्ट को 8.2 हजार बार रीट्वीट किया गया और इसे 18.6 हजार लाइक मिले हैं। ट्विटर का उपयोग करने वाले सैकड़ों लोगों ने सीएए के समर्थन में इसे ट्वीट किया। ‘इंडिया सपोर्ट सीएए’ हैशटैग के साथ इसके जवाब में एक समर्थक ने लिखा, “वह जो बातें बोल रहे हैं, वे सही हैं।”
एक ट्विटर यूजर ने दावा किया कि महात्मा गांधी ने 26 सितंबर, 1947 को एक सार्वजनिक रैली में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले वे हिंदू और सिख भारत में रह सकते हैं, जो उस देश में नहीं रहना चाहते हैं।
एक यूजर ने लिखा, “पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले, भारत के संविधान को नष्ट करने वाले, भारत के लोकाचार और संस्कृति को बेचने वाले और भारत को धर्म के आधार पर बांटने वालों की चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
एक ट्वीट में लिखा है: “ऐसा लगता है कि वे कानून का विरोध नहीं कर रहे हैं, वे देश को अस्थिर करने के लिए चौतरफा युद्ध कर रहे हैं!” एक समर्थक ने ट्वीट किया, “अच्छा कहा, सद्गुरु।”
सद्गुरु : सीएए बहुत कम करुणा है, यह बहुत देर से आ रहा है
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को समर्थन देते हुए प्रमुख अध्यात्मिक गुरु, सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा, “सीएए बहुत कम करुणा है, जो कि बहुत देर से आ रही है”।
पश्चिम बंगाल : पुरुलिया में ममता बनर्जी का विरोध प्रदर्शन, कहा एक आदमी को भी नहीं निकलने देंगे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुरुलिया में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, मैं सभी से अपील करना चाहूंगी, कि एक साथ आओ और बीजेपी को अलग करो।
उन्होंने आगे कहा कि, मैं सभी से अनुरोध करुंगी कि आप यह सुनिश्चित करें कि मतदाता सूची में बिना केिसी त्रुटी के आपका नाम हो। बस इतना करिए आप। हम एक भी आदमी को निकलने नहीं देंगे, ये हमारा वादा है।
पीएम मोदी ने सीएए समर्थन में शुरू किया ट्विटर अभियान
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ट्विटर अभियान शुरू किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी के ट्विटर अकांउट पर लिखा, “हैशटैगइंडियासपोर्ट्ससीएए, क्योंकि सीएए सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है और किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं। सीएए को अपना समर्थन दें और इसे साझा करें।”
इस पोस्ट को 1.3 हजार बार रिट्वीट किया गया और 2.7 हजार लाइक किया गया, जबकि हैशटैगइंडियास्पोर्ट्ससीएए ने ट्विटर पर ट्रेंड किया। इसे 386 हजार बार ट्वीट किया गया।
भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट किया, “क्रूर और कट्टरपंथियों के झांसे में नहीं आएं। भारतीय होने पर गर्व करें और खुले मन से समर्थन करें, जिन पर आधुनिक युग के गजनी अत्याचार कर रहे हैं। हैशटैगइंडियास्पोर्ट्ससीएए।”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने आधिकारिक ट्विटर से ट्वीट किया, “मिथक तोड़ने वाला। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019। हैशटैगइंडियास्पोर्ट्ससीएए। इसे पढ़ें और अपने संदेह दूर करें।”
दिल्ली : संगठनात्मक चुनाव और सीएए आउटरीच कार्यक्रम को लेकर जेपी नड्डा करेंगे बैठक
दिल्ली में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आज सीएए आउटरीच कार्यक्रम और पार्टी के संगठनात्मक चुनावों सहित विभिन्न मुद्दों पर पार्टी महासचिवों की बैठक करेंगे।
जद(यू) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर : पार्टी ने किन परिस्थितियों में संसद में सीएए का समर्थन किया, यह केवल नीतीश कुमार जी ही बता सकते हैं
राजनीतिक रणनीतिकार और जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, ने एनआरसी पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि, मेरा सवाल और चिंता का विषय यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष आधिकारिक रूप से यह क्यों नहीं कह रही हैं कि एनआरसी को कांग्रेस शासित राज्यों में अनुमति नहीं दी जाएगी?
उन्होंने कहा कि किसी को एनपीआर और एनआरसी के बीच संबंध को साबित करने की आवश्यकता नहीं है। दस्तावेज खुद के लिए बोलते हैं और वे कहते हैं कि एनपीआर एनआरसी का पहला कदम है। यह बहस 2003 के नागरिकता संशोधन विधेयक से जुड़ी है। जिसके दौरान, यह परिभाषित किया गया था कि एनपीआर के बाद, यदि सरकार चाहती है, तो वे एनआरसी लागू कर सकते हैं।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनआरसी और सीएए पर जदयू का रुख विपक्ष का है। संसदीय स्थायी समिति के रिकॉर्ड की जांच करें, तो इसको लेकर पहला असंतोष जद (यू) का है। जदयू ने किन परिस्थितियों में दोनों सदनों में बिल का समर्थन किया, यह केवल नीतीश कुमार जी ही बता सकते हैं।
अमेरिका : न्यूयॉर्क में सीएए के समर्थन में प्रदर्शन
न्यूयॉर्क में भारतीय प्रवासियों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में टाइम्स स्क्वार पर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश : बिजनौर में एंटी सीएए प्रदर्शन में मारे गए सुलेमान के परिजनों की शिकायत पर यूपी पुलिस का यू-टर्न, कहा एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब इस बात से इंकार किया है कि 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में मारे गए एक प्रदर्शनकारी सुलेमान के परिजनों ने छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज कराई है। सुलेमान के परिजनों ने छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान उसे पुलिस की गोली लगी थी।
शिकायत के अनुसार, सुलेमान के परिजनों ने आरोप लगाया कि 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद जब वह घर लौट रहा था तब एसएचओ राजेश सोलंकी, बिजनौर प्रभारी आशीष तोमर और कुछ कांस्टेबलों ने उसे रोक लिया।
परिवार ने दावा किया कि पुलिसकर्मी उसे एक गली में खींच ले गए, जहां मोहित नामक एक कांस्टेबल ने अन्य पुलिस अधिकारियों के आदेश पर सुलेमान को गोली मार दी। पुलिस ने रविवार को कहा था कि 20 दिसंबर को उसकी हत्या के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई वास्तविक एफआईआर में सुलेमान के परिजनों की शिकायत को जोड़ दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विश्वजीत श्रीवास्तव ने तब कहा था, “पुलिस ने सुलेमान की कथित हत्या के मामले में स्टेशन हाउस ऑफिसर (थाना अध्यक्ष) और पांच अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।”
हालांकि एसपी विश्वजीत श्रीवास्तव अब अपने बयान से पलट गए हैं।
उन्होंने कहा, “कानूनी और तकनीकी कारणों से इस मामले में अलग से एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। शुरुआती एफआईआर एक कांस्टेबल मोहित कुमार की शिकायत पर दर्ज की गई, जो प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से घायल हो गया था। एफआईआर में सुलेमान की भूमिका का जिक्र था। इसलिए अलग से एफआईआर दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है। अब मामले की जांच एसआईटी कर रही है।”
एसपी के बयान पर मृतक के चाचा अफजल अहमद उस्मानी ने कहा, “हमने शनिवार को एक शिकायत दर्ज की थी। सुलेमान की छह पुलिसकर्मियों ने हत्या की। पुलिस अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया था कि हमें रविवार तक एफआईआर की एक प्रति दी जाएगी। हमने जब इसके लिए संपर्क किया तो हमें एफआईआर की प्रति नहीं दी गई।”
इसबीच प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में मारे गए एक अन्य प्रदर्शनकारी अनस (23) के पिता अरशद हुसैन ने भी एक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने भी अपने बेटे की मौत के लिए उन्हीं पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया है। उनका बेटा घटना के समय अपने सात महीने के बेटे के लिए दूध खरीदने गया था।
तमिलनाडु : चेन्नई में स्टालिन, कनिमोझी ने ‘कोलम’ के जरिए किया सीएए का विरोध
नारेबाजी, तख्तियों, जुलूसों और बैठकों के बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़कम (द्रमुक) नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनसीआर) के खिलाफ अब पारंपरिक तमिल कोलम (अल्पना) का उपयोग कर रही है। तमिलनाडु में कोलम को समृद्धि के प्रतीक के तौर पर हिंदुओं के घरों के बाहर चित्रित किया जाता है। कोलम को चावल के आटे से बनाया जाता है, ताकि उसे चीटियां खा सकें।
सोमवार को द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन और उनकी बहन व राज्यसभा सदस्य कनिमोझी के साथ-साथ उनके दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के आवास के बाहर कोलम बनाया गया, जिस पर लिखा था, ‘सीएए-एनआरसी नहीं’।
पुलिस द्वारा यहां बेसेंट नगर क्षेत्र में सीएए, एनआरसी और एनपीआर विरोधी कोलम बनाने पर छह महिलाओं को हिरासत में लेने के बाद द्रमुक प्रमुख ने यह कदम उठाया है।
महिलाओं को बाद में रिहा कर दिया गया।
कोलम ने राहगीरों को काफी आकर्षित किया, जिससे यातायात भी बाधित हुआ।
अनुमति मांगने पर पुलिस ने ऐसे कोलम बनाने की मंजूरी नहीं दी।
पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए स्टालिन ने फेसबुक पर कहा कि अन्ना द्रमुक सरकार की मनमानी का एक और उदाहरण है, जिसमें भारतीय संविधान में उद्धत मूल अधिकारों से लोगों को वंचित किया जा रहा है।
दिल्ली : एंटी सीएए प्रदर्शनकारियों को गोली मारने की धमकी देने वाले पूर्व दिल्ली पुलिसकर्मी
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों को गोली मारने की धमकी दे रहा है। आरोपी की पहचान राकेश त्यागी के रूप में हुई है। जिसे 2 दिन पहले गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दिल्ली पुलिस से वर्ष 2014 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और अब एक निजी नागरिक हैं।