चंडीगढ़, 23 मई (आईएएनएस)| पंजाब के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि वह पंजाब में चुनाव से ऐन पहले पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के नुकसान पहुंचाने वाले बयानों का मुद्दा पार्टी हाईकमान के सामने उठाएंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उनके बयानों का विपरीत असर बठिंडा में चुनाव नतीजों पर पड़ा हो।
मंत्रियों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य में लोकसभा चुनाव नतीजों के परिदृश्य में इसकी समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। यह चुनाव से पहले पार्टी द्वारा दी गई कोई छिपी हुई धमकी नहीं थी।”
हालांकि, उन्होंने पंजाब में कांग्रेस के प्रदर्शन पर सिद्धू के बयानों के असर के बारे में सीधे कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरूर कहा कि बतौर मंत्री सिद्धू के प्रदर्शन की समीक्षा की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सिद्धू अपने विभाग को संभालने में सक्षम नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चुनाव के बाद पार्टी में स्थिति के स्थिर होने के बाद इस मुद्दे को पार्टी आलाकमान के समक्ष उठाएंगे।
अमरिंदर ने कहा कि कांग्रेस का प्रदर्शन शहरी इलाकों में बुरा रहा है और सिद्धू शहरी विकास मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि सभी को लोकतंत्र में खुद को आगे बढ़ाने का अधिकार है लेकिन उन्होंने (सिद्धू ने) चुनावी लड़ाई शुरू होने के बाद विवादित बयान देकर गलत किया।
धर्मग्रंथों की बेअदबी के मामले की जांच की गति पर सिद्धू द्वारा सवाल उठाए जाने पर उन्होंने कहा कि मंत्री स्पष्ट रूप से यह समझ नहीं सके हैं कि राज्य विधानसभा ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया हुआ है और उसे ही इस जांच को पूरा करना है।
सेना में सेवा दे चुके मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सिद्धू की पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख के साथ ‘यारी और झप्पी’ बर्दाश्त नहीं की जाएगी, खासकर सैनिकों द्वारा जो पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई समर्थक आतंकियों के हाथों मारे जाते हैं जबकि वह उनके नेताओं को गले लगाते हैं।
उन्होंने पंजाब में कांग्रेस की जीत के लिए लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि इस बात को देखा जाएगा कि पार्टी बठिंडा में कमजोर क्यों पड़ी और क्यों कड़ी मेहनत के बावजूद गुरदासपुर से सुनील झाखड़ को सनी देओल के हाथों हार झेलनी पड़ी।