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सिद्धार्थ देसाई

सिद्धार्थ देसाई प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के इतिहास में दूसरे सबसे महेंगे खिलाड़ी बने है जब कल उन्हे सातवें सीजन की बोली में तेलगु टाइटंस नें 1.45 करोड़ रुपये में खरीदा। टाइटंस की टीम ने राहुल चौधरी को अपनी टीम से जाने दिया और प्रतिभाशाली खिलाड़ी को अपनी टीम के लिए खरीदा। देसाई का पिछला सीजन बेहद शानदार रहा था और उन्होने अपने डेब्यू अभियान में अच्छा प्रदर्शन किया था। वह बिना किसी संदेह के पिछले सीजन के सबसे शानदार रेडर थे और यह पक्का था की साल ऑक्शन में वह महेंगे बिकने वाले है।

मोनू गोयत, जिन्हें पिछले सीजन हरियाणा स्टीलर्स ने 1.5 करोड़ में खरीदा था वह अब भी प्रो कबड्डी के इतिहास के सबसे महेंगे खिलाड़ी बने हुए है। इस साल भी ऑक्शन में मोनू बहुत पसंदीदा लग रहे थे क्योंकि सभी फ्रेंचाईजियो ने उनक लिए बोली लगाई और उन्हें अपनी टीम में लेना चाहते थे। यूपी योद्धा और पुणेरी पलटन उनके लिए बोली लगाने में आखिरी तक गए लेकिन आखिरी में योद्धा ने बोली जीतकर उन्हें अपनी सेवाओं के लिए खरीदा।

पिछले सत्र में यू मुम्बा के लिए टूर्नामेंट में देसाई ने सफल प्रदर्शन किया था, क्योंकि उन्होंने सिर्फ 21 मैचों में 218 अंक हासिल किए थे। वह सोमवार को 2019 पीकेएल प्लेयर की नीलामी की सबसे महंगी खरीद बन गए है और अपने नए फ्रेंचाईजी तेलुगु टाइटन्स के लिए अपने बेहतरीन फॉर्म को आगे बढ़ाते हुए नज़र आएंगे।

जैसे ही कई फ्रेंचाइजी एक्शन में आईं, नीलामी में देसाई का नाम सुनते ही फ्रेंचाइजी के बीच एक बिडिंग युद्ध छिड़ गया। हालांकि, तेलुगु टाइटन्स ने अपने इरादों को स्पष्ट करने के लिए सीधे तौर पर 1 करोड़ रुपये की तेजस्वी बोली लगाई। उन्होंने अंततः 1.45 करोड़ रुपये में रेडर की सेवाएं हासिल कीं, जिससे उन्हें इस साल सबसे महंगी खरीद मिली।

देसाई का पिछला सीजन यू मुम्बा के लिए शानदार रहा और उन्हें यू मुम्बा ने पिछले साल 36 लाख में खरीदा था। उन्होने अपने नाम सबसे तेज 50 रेड अंक लेने का रिकॉर्ड भी बनाया था और अपनी फ्रेंचाईजी के लिए टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ रेडर रहे थे। मोनू गोयत (93 लाख) और राहुल चौधरी (94 लाख) भी इस साल की बोली के मुख्य आकर्षक रहे लेकिन देसाई ही इस साल ऐसे खिलाड़ी बने जिनके ऊपर 1 करोड़ से ऊपर की बोली लगी।

By अंकुर पटवाल

अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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