इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू सितम्बर में भारत की यात्रा की योजना बना रहे हैं और यह चुनावो से कुछ दिनों पूर्व ही होगी। सूत्र ने बताया कि नेतान्याहू को इस वर्ष फ़रवरी में यात्रा करनी थी और वो इजराइल में चुनावो से पूर्व थी। 9 सितम्बर को यात्रा के दौरान वह भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे।
भारत और इजराइल के सम्बन्ध हालिया वर्षों में कागी उभरे हैं और साल 2017 में इजराइल की यात्रा करण एवाले नरेंद्र मोदी पहले पीएम थे। नेतान्याहू ने जनवरी 2018 में वापस यात्रा की थी, जो कूटनीतिक संबंधो की स्थापना के 25 वर्षों के बाद थी।
योग दिवस के मौके पर तेल अवीव में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने कहा कि “इन संबंधो का ग्राफ ऊपर दिशा की तरफ जा रहा है। मोदी और नेतान्याहू ने शानदार समीकरण साझा किया है और यह उनके कार्यकाल में हुआ है कि पीएम मोदी ने इजराइल की यात्रा की और नेतान्याहू ने भारत का दौरा किया था।”
तारीख को तय करने के कारण नेतान्याहू की फ़रवरी की यात्रा रद्द हो गयी थी। उस दौरान इजराइल और भारत में चुनावो का मौसम था। अप्रैल में चुनावो को जीतने के बावजूद नेतान्याहू गठबंधन की सरकार बनने के असमर्थ रहे थे। अब इजराइल में 17 सितम्बर को चुनावो का आयोजन होगा।
इस यात्रा में रक्षा मामलो पर द्विपक्षीय बातचीत की जाएगी। दोनों पक्ष लम्बे समय से लंबित दो फल्कोम चेतावनी प्रणाली के प्रस्ताव पर भी दोनों पक्ष चर्चा करेंगे। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बीच में तह यात्रा होगी और वह भारत को ईरान पर दबाव डालने के लिए अमेरिका और इजराइल का साथ देने के लिए मनाएंगे।
शुक्रवार को किये ट्वीट में इजराइल के राजदूत रोन मलका ने कहा कि “ईरान एक आतंकवाद को विश्व में प्रायोजित करने वाला राष्ट्र है। वह वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है।” भारत ने अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान से तेल आयात को रोक दिया था। भारत ने पश्चिमी एशिया में जंग का असर लाखो भारतीयों पर पड़ने की प्रतिक्रिया जाहिर की थी जो उस क्षेत्र में कार्य करे रहे हैं और रहते हैं।
जी-20 में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात में नरेंद्र मोदी ने ईरान पर भी चर्चा की थी। हालाँकि अभी इस यात्रा की कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की है।