भारत और पाकिस्तान के मध्य करतार साहिब बॉर्डर को खोले जाने के लिए तनातनी बनी हुई है। हाल ही में भारत में नवजोत सिंह सिद्धू पर करतारपुर साहिब बॉर्डर को खोले जाने की बात कहने पर जमकर निशाना साधा गया था।
अमेरिका के सिख समुदाय ने करतारपुर साहिब बॉर्डर को खुलवाने के लिए भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
अमेरिका के सिख समुदाय के सदस्य उस ऐतिहासिक स्थल पर यात्रा का अधिकार चाहते हैं जहां गुरुनानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष गुजारे थे। करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब सूबे के नारोवल जिले में स्थित है। जो भारत और पाकिस्तान की सीमा से बहुत नजदीक है।
अमेरिका के सिख प्रतिनिधियों के एक समूह ने भारतीय दूतावास में प्रधानमंत्री के लिए ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन के मुताबिक पंजाब राज्य सदन ने दो बार इस मसौदे को पारित किया है। ज्ञापन के मुताबिक गुरुद्वारा करतारपुर साहिब इस बॉर्डर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भारत के श्रद्धालु बिना वीजा और किसी अन्य दस्तावेजों के झंझट के केवल एक भारतीय पहचानपत्र के साथ गुरुद्वारा के दर्शन कर सकने में सक्षम होंगे। ज्ञापन के मुताबिक भारतीय श्रद्धालु उसी दिन दर्शन के बाद वापस भारत लौट आयेंगे। वांशिगटन में स्थित भारतीय दूतावास में सिख समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मिलाकर हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी भारतीय दूतावास को करतारपुर बॉर्डर खोलने का ज्ञापन सौंपा था।
हाल ही में पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने के बाद करतारपुर बॉर्डर खोलने की बात उठाई थी। इस समारोह के बाद मंत्री सिद्धू पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख जनरल कमर बजवा से गले मिले थे जिसे लेकर भारत में सियासत गरमा गयी और उन्हें देशद्रोही कहा गया था।
मंत्री सिद्धू ने कहा था कि पाकिस्तान आगामी वर्ष करतारपुर बॉर्डर को खोल देगा लेकिन भारत सरकार ने बताया कि उन्हें पाकिस्तान की तरफ से अभी कोई अधिकारिक सूचना नहीं मिली है।